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अयोध्या विवाद पर बोले यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ, बातचीत से निकाला जाए समाधान, आडवाणी ने भी किया समर्थन

राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसे लेकर दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए।

Updated on: 21 Mar 2017, 07:03 PM

highlights

  • राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का यूपी सीएम योगी आदित्यनाथ ने किया स्वागत
  • योगी आदित्यनाथ ने कहा राम मंदिर-बाबरी मस्जिद विवाद का समाधान बातचीत से निकाला जाना चाहिए

New Delhi:

राम मंदिर विवाद पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इसे लेकर दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए।

योगी ने कहा, 'हम सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हैं। दोनों पक्षों को एक साथ बैठकर इस मसले का समाधान निकालना चाहिए।' मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर विवाद पर बेहद अहम टिप्पणी करते हुए सुझाव दिया कि यह मुद्दा कोर्ट के बाहर बातचीत से हल किया जाना चाहिए।

योगी को इस मामले में बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी का भी समर्थन मिलता नजर आ रहा है। राम मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी का स्वागत करते हुए आडवाणी ने कहा कि इसे पर आम सहमति बननी चाहिए। 

आडवाणी ने कहा, 'सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी स्वागत योग्य है। मामले में शामिल सभी पक्षों को सहमति से इसका समाधान निकालना चाहिए।'

मुख्यमंत्री का पदभार संभालने के बाद योगी आदित्यनाथ दिल्ली प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी प्रेसिडेंट अमित शाह से मिलने आए थे। मोदी और शाह के साथ मुलाकात में उन्होंने उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल को लेकर भी बातचीत की। इसके बाद योगी लालकृष्ण आडवाणी से मिलने गए। 

भारत के चीफ जस्टिस जस्टिस जगदीश सिंह खेहर ने कहा कि दोनों पक्षों को मिल-बैठकर इस मुद्दे को बातचीत से हल करना चाहिए। बीजेपी नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कोर्ट से आग्रह किया था कि वह पिछले छह साल से लंबित राम मंदिर अपील पर रोज़ाना सुनवाई करते हुए जल्द फैसला सुनाए।

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सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा है कि सुब्रह्मण्यम स्वामी ने जानबूझकर कोर्ट को यह जानकारी नहीं दी कि इससे पहले भी छह बार इसी तरह की कोशिशें की जा चुकी हैं, जो राजीव गांधी, चंद्रशेखर और पीवी नरसिम्हा राव के प्रधानमंत्रित्व काल में की गई थीं।

ओवैसी ने कहा इस मामले में बातचीत की कोई गुंजाइश नहीं है और इसका समाधान कोर्ट के फैसले से ही निकाला जाना चाहिए। सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को अयोध्या राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले को न्यायालय के बाहर सुलझाने की सर्वोच्च न्यायालय की सलाह को एक तरह से खारिज करते हुए कहा कि यह मालिकाना हक का मामला है।

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उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'कृपया याद कीजिए बाबरी मस्जिद मुद्दा मालिकाना हक का मामला है, जिसे इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गलती से भागीदारी मामला मानकर फैसला सुनाया था। इसीलिए सर्वोच्च न्यायालय में अपील किया गया है।'

ओवैसी ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) के सदस्य हैं। एआईएमपीएलबी ने विवादित स्थल राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद को तीन हिस्सों में बांटने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 2010 के आदेश को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी थी।

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