/newsnation/media/post_attachments/images/2019/02/22/pulwama-attacks-35-5-82.jpg)
पुलवामा आतंकी हमला (फाइल फोटो)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने जैश-ए-मोहम्मद का नाम लेकर पुलवामा आतंकी हमले की कड़े शब्दों में निदा की, लेकिन UNSC की ओर से जैश का नाम लेने पर चीन ने विरोध जताय. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चीन ने कहा कि पुलवामा आतंकी हमले से जैश का नाम हटाया जाए. बता दें कि पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद ने जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में आतंकी हमला किया था, जिसमें CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे.
यह भी पढ़ें ः Pulwama Attack के बाद अबतक भारत ने उठाए ये पांच बड़े कदम, बदले की कार्रवाई अब भी बाकी
UNSC ने पुलवामा आतंकी हमले के आरोपियों, षड्यंत्रकर्ताओं और उन्हें धन मुहैया कराने वालों को जिम्मेदार ठहराए जाने और न्याय के दायरे में लाने के लिए रेखांकित किया. संयुक्त राष्ट्र की 15 शक्तिशाली देशों की इस इकाई ने भी अपने बयान में पाकिस्तान के आतंकी समूह जैश का नाम लिया. इस परिषद में चीन स्थायी सदस्य है. इससे पूर्व चीन ने भारत द्वारा सुरक्षा परिषद प्रतिबंध समिति से आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की मांग के रास्ते में रोड़ा अटकाया है. UNSC की प्रेस रिलीज में आतंकवाद को अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरों में से एक बताया गया है.
यह भी पढ़ें ः Pulwama Attack: पाकिस्तान पर भारत की अब तक की सबसे कठोर कार्रवाई, अब पानी के लिए तरसेगा पड़ोसी
Sources: The UNSC resolution was adopted unanimously by the UNSC (permanent and non-permanent members) including China. It contains specific language that India had proposed via partner countries, including the naming of JeM and bring perpetrators to justice. #PulwamaAttackpic.twitter.com/673Cf9R1zf
— ANI (@ANI) February 22, 2019
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ भारत की कूटनीतिक कार्रवाई बेहद कारगर साबित हो रही है. वैश्विक दबाव और कई देशों के आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई की मांग के आगे पाकिस्तान को झुकना पड़ा. पाकिस्तान सरकार ने दबाव में आकर आतंकी संगठन आकर जमात-उत-दावा के सरगना हाफिज सईद के दो संगठनों पर बैन लगा दिया है. हाफिद सईद के जमात-उद-दावा (जेयूडी) और दान देने वाली इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंडेशन पर यह प्रतिबंध लगाया गया है. सईद ने अपने संगठन लश्कर-ए-तैयबा पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद इन संगठनों को शुरू किया था. पाकिस्तान सरकार के गृह मंत्रालय ने इन संगठनों पर बैन के लिए आदेश भी जारी कर दिए हैं. दोनों संगठनों पर पिछले साल फरवरी में भी रोक लगाया गया था, लेकिन रोक की अवधि खत्म हो गई थी. इसके बाद एक बार फिर इन्हें प्रतिबंधित कर दिया गया है.
Source : News Nation Bureau