बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जुड़े उन्नाव रेप मामले में एक नया टविस्ट सामने आया है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र देने के आरोप में अदालत के आदेश पर पुलिस ने पीड़िता, उसकी मां और चाचा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया है. पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने बताया कि दुष्कर्म मामले में एक अन्य आरोपी शुभम के पिता ने दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां और चाचा पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र लगाने का आरोप लगाते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. कुमार ने बताया कि इस सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है. पीड़िता का चाचा एक अन्य मामले में जेल में कैद है.
पुलिस अधीक्षक हरीश कुमार ने बताया कि दुष्कर्म मामले में एक अन्य आरोपी शुभम के पिता ने दुष्कर्म पीड़िता, उसकी मां और चाचा पर फर्जी जन्म प्रमाणपत्र लगाने का आरोप लगाते हुए अदालत में प्रार्थना पत्र देकर मुकदमा दर्ज करने की मांग की थी. कुमार ने बताया कि इस सिलसिले में मामला दर्ज कर लिया गया है और इसकी जांच की जा रही है. पीड़िता का चाचा एक अन्य मामले में जेल में कैद है.
और पढ़ें: तमिलनाडु: गर्भवती महिला को चढ़ाया HIV पॉजिटिव खून, मद्रास HC ने अस्पताल की लापरवाही पर सरकार से मांगा जवाब
पुलिस ने बताया कि 17 दिसंबर को कोर्ट के आदेश पर माखी पुलिस स्टेशन में पीड़िता और उसके परिजनों के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
शुभम के पिता और मांखी निवासी हरिपाल सिंह ने अदालत को दी अर्जी में कहा था कि रायबरेली के एक स्कूल से जारी पीड़िता का ट्रांसफर सर्टिफिकेट जाली है, जो उनके बेटे को फंसाने के लिए जन्म प्रमाण पत्र के तौर पर पेश किया गया था. पुलिस के मुताबिक इस प्रमाण पत्र को पूर्व में जांच में स्कूल के प्रधानाचार्य, प्रबंधक और बीएसए ने भी फर्जी बताया था.
हरपाल सिंह की पत्नी शशि और उनके बेटे शुभम और मुख्य आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर रेप केस में अप्रैल से जेल में बंद है. पिछले साल चार जून को बीजेपी एमएलए सेंगर अपने आवास पर पीड़िता से बलात्कार करने का आरोप है. इसके बाद 20 जून 2017 को हरपल सिंह के बेटे शुभम सिंह और ड्राइवर नरेश तिवारी , बृजेश यादव ने पीड़िता को अगवा कर उसके साथ बलात्कार किया था.
उन्नाव सामूहिक दुष्कर्म मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने का आरोप है. पीड़िता ने मुख्यमंत्री आवास के बाहर खुद को आग लगाने की कोशिश की थी. वह सामूहिक दुष्कर्म मामले में पुलिस से कार्रवाई की मांग कर रही थी. बाद में को पीड़िता के पिता को पुलिस ने उठा लिया और कथित तौर पर अतुल सिंह और उनके सहयोगियों द्वारा उनकी पिटाई की गई, जिससे पीड़िता के पिता की पुलिस स्टेशन में मौत हो गई.
इस घटना ने राज्य में एक राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया था और सत्ताधारी दल को जनता के जबरदस्त आक्रोश का सामना करना पड़ा.
Source : News Nation Bureau