यूपी के उन्नाव में हुए गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट अपना फैसला शुक्रवार को दोपहर 2 बजे के बाद सुनाएगी।
मामले की सुनवाई के दौरान आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर राज्य सरकार ने कोर्ट में दलील दी कि आरोपी विधायक के खिलाफ सबूत नहीं मिले हैं। सबूत मिलते ही उसकी गिरफ्तारी हो जाएगी।
गौरतलब है कि गैंगरेप के मुख्य आरोपी उन्नाव से विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ पुलिस ने भारी दबाव के बाद पाक्सो एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज किया है। इस मामले में पीड़िता की बात नहीं सुनने को लेकर यूपी पुलिस के कई अधिकारियों पर गाज गिरने के बाद अब इस मामले की सीबीआई जांच होगी।
राज्य की योगी सरकार ने इसके लिए केंद्र सरकार से अनुशंसा कर दी है। इससे पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सरकार की फजीहत होने के बाद इस मामले की जांच एसआईटी को सौंप दी थी। एसआईटी रिपोर्ट सामने आने के बाद कई अधिकारियों पर इसकी गाज गिरी।
राज्य सरकार की ओर से देर रात बताया गया था कि पूरे मामले की जांच सीबीआई करेगी। इसमें पीड़िता के साथ दुष्कर्म करने और उसके पिता की हत्या करने का आरोप शामिल है। लापरवाही बरतने के आरोप में सफीपुर के सीओ कुंवर बहादुर सिंह को निलंबित कर दिया गया है।
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पीड़िता के पिता के उपचार में लापरवाही पर उन्नाव के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. डी के द्विवेदी व वरिष्ठ अधिकारी डॉ. प्रशांत उपाध्याय को भी निलंबित किया गया है। डॉ. मनोज, डॉ. जीपी सचान और डॉ. गौरव अग्रवाल के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
सरकार ने दुष्कर्म पीड़िता के परिवार को सुरक्षा देने का आश्वासन दिया है। मामले में दो चिकित्सकों और एक सीओ को निलंबित कर दिया गया है।
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Source : News Nation Bureau