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सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति संबंधी प्रावधान पर विवाद, डीयू कुलपति से मिले शिक्षक

सहायक प्रोफेसर की नियुक्ति संबंधी प्रावधान पर विवाद, डीयू कुलपति से मिले शिक्षक

Updated on: 27 Oct 2021, 09:50 PM

नई दिल्ली:

दिल्ली टीचर्स एसोसिएशन (डीटीए) और उनकी टीम से अकादमिक परिषद के सदस्यों ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से उनके कार्यालय में मुलाकात की है। यह मुलाकात दिल्ली विश्वविद्यालय के 5000 एडहॉक शिक्षकों पर केन्द्रित रही।

गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा सहायक प्रोफेसर्स की भर्ती प्रक्रिया के लिए नए प्रावधन किए गए हैं। शिक्षकों ने इस प्रावधान पर विरोध जताते हुए कहा है कि इससे दिल्ली विश्वविद्यालय में कार्यरत 4000 शिक्षक तदर्थ और अस्थायी शिक्षक बेरोजगार हो जाएंगे। इस विषय पर शिक्षक संघ ने विश्वविद्यालय के कुलपति को एक पत्र लिखा है।

दिल्ली विश्वविद्यालय में 29 अक्टूबर को विश्वविद्यालय की एग्जीक्यूटिव काउंसिल की बैठक होनी है। इस बैठक के लिए तय किए गए कुछ एजेंडा प्रावधानों को लेकर दिल्ली विश्वविद्यालय शिक्षक संघ यानी डूटा ने भी अपनी आपत्ति दर्ज की है। बुधवार को वाइस चांसलर से हुई मुलाकात में भी शिक्षकों के विभिन्न मुद्दों से संबंधित जानकारी सौंपी गई है।

डीटीए अध्यक्ष डॉ. हंसराज सुमन ने ज्ञापन में वाइस चांसलर प्रोफेसर योगेश सिंह से मांग की है कि दिल्ली विश्वविद्यालय से संबद्ध विभिन्न कॉलेजों में लगभग 5000 एडहॉक शिक्षकों का शीघ्र नियमितिकरण, समायोजन हो।

उन्होंने सभी एडहॉक शिक्षकों को समायोजित करने की नीति बनाए जाने की मांग की। मांग की गई कि दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 28 कॉलेजों में गवनिर्ंग बॉडी बनवाई जाए। शिक्षकों की नियुक्तियों में केंद्र सरकार की आरक्षण नीति को लागू करते हुए 2 जुलाई 1997 से 200 पॉइंट पोस्ट बेस रोस्टर लागू करते हुए एससी, एसटी रोस्टर रजिस्टर तैयार करते हुए बैकलॉग पदों को भरा जाए।

ईसी मीटिंग में काले कमेटी की सिफारिशों को अविलंब स्वीकार किया जाए। असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर विज्ञापन निकालें लेकिन जिन्होंने पहले के विज्ञापनों पर उक्त पदों के लिए आवेदन किया है डीयू कोरिजेंडम देकर उनसे किसी तरह का कोई शुल्क न ले। 29 अक्टूबर को होने वाली कार्यकारी परिषद ( ईसी ) की मीटिंग में एजेंडा आइटम नम्बर 5.01 को वापिस लिया जाए। 5 दिसंबर 2019 के शिक्षा मंत्रालय के रिकॉर्ड ऑफ डिसकशन को लागू करते हुए दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ा रहे सभी एडहॉक और टेंपरेरी शिक्षकों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाए।

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