केंद्रीय बजट में शिक्षा मंत्रालय को अब तक के सर्वाधिक 112899.47 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इस वृद्धि के कारण उच्च शिक्षा के लिए बजटीय आवंटन में भी वृद्धि हुई है। उच्च शिक्षा के लिए 2022-23 में 40,828.35 करोड़ रुपये की तुलना में इस वर्ष 44,094.62 करोड़ रुपये की राशि का प्रावधान किया गया है, जो 8 प्रतिशत की वृद्धि है।
5जी सेवाओं का उपयोग कर ऐप विकसित करने के लिए उच्च शिक्षण संस्थानों में 100 प्रयोगशालाएं स्थापित की जाएंगी, ताकि नए अवसरों, व्यापार मॉडल और रोजगार की संभावनाओं को तलाशा जा सके। यह लैब्स स्मार्ट क्लासरूम, प्रेसिजन फामिर्ंग, इंटेलिजेंट ट्रांसपोर्ट सिस्टम और हेल्थकेयर जैसे ऐप को कवर करेंगी।
शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक सरकार न केवल आईआईटी, एनआईटी और आईआईएसईआर आदि में बल्कि देश भर के इंजीनियरिंग संस्थानों में उभरते क्षेत्र में पाठ्यक्रम शुरू करके इंजीनियरिंग शिक्षा को बदलने का प्रयास कर रही है।
शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि 5जी प्रौद्योगिकी से संबंधित अनुप्रयोगों पर इंजीनियरिंग संस्थानों में 100 प्रयोगशालाएं हमारे युवा इंजीनियरों में रोजगार, स्टार्ट-अप, व्यवसायों, नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देंगी।
देश में अनुसंधान उत्कृष्टता में आईआईटी की अग्रणी भूमिका को स्वीकार करते हुए, वित्त मंत्री ने घोषणा की कि प्रयोगशाला में विकसित स्वदेशी उत्पादन के लिए एक आईआईटी को 5 वर्षों के लिए अनुसंधान और विकास अनुदान दिया जाएगा। यह निर्यात, रोजगार सृजन और इस क्षेत्र में विश्व व्यापार में भारत की हिस्सेदारी का प्रयास सुनिश्चित करेगा।
शिक्षा मंत्रालय के अनुसार एनईपी 2020 को सही मायने में लागू करने के लिए केंद्र सरकार के अधीन देश के सर्वश्रेष्ठ संस्थानों और विश्वविद्यालयों को 4235.74 करोड़ रुपये अतिरिक्त दिए गए हैं, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 12.8 प्रतिशत अधिक है। 2023-24 में यूजीसी के अनुदान में 9.37 प्रतिशत की वृद्धि की गई है जो कि 459 करोड़ की वृद्धि है। 2022-23 की तुलना में केंद्रीय विश्वविद्यालयों को अनुदान में 17.66 प्रतिशत, डीम्ड विश्वविद्यालय को 27 प्रतिशत, आईआईटी को 14 प्रतिशत और एनआईटी को 10.5 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
साथ ही देश के नंबर वन शिक्षण संस्थान आईआईएससी, बैंगलोर के अनुदान में 15 प्रतिशत की वृद्धि की गई है। प्रधानमंत्री अनुसंधान फैलोशिप के लिए 2022-23 में 200 करोड़ रुपये की तुलना में 2023-24 में 400 करोड़ रुपये प्रदान किया गया है जो कि 100 प्रतिशत की वृद्धि है।
शिक्षा मंत्रालय ने कहा कि मेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इन इंडिया एंड मेक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वर्क फॉर इंडिया के लिए शिक्षण संस्थानों में 3 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए जाएंगे। कृषि, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाइल, साइबर सुरक्षा, स्मार्ट होम, सिटी इंफ्रास्ट्रक्च र, डेटा विश्लेषण, भाषण पहचान, ग्राहक सेवा, स्वचालित स्टॉक ट्रेडिंग, ऑनलाइन शॉपिंग, मशीन अनुवाद, डिजिटल व्यक्तिगत सहायता में एआई की महत्वपूर्ण भूमिका है।
परेश कुमार, सीईओ देव इनसाइट्स ने शिक्षा को मिले इस बजटीय आवंटन पर कहा कि उच्च शिक्षा क्षेत्र के लिए आवंटन 44,000 करोड़ के करीब है, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 4,000 करोड़ अधिक है, यह उच्च शिक्षा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने में सहायक होगा। शिक्षा क्षेत्र में डिजिटलीकरण सभी छात्रों के लिए विश्व स्तरीय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए शिक्षण और सीखने की दिशा में एक भविष्यवादी ²ष्टिकोण दिखाता है।
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Source : IANS