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संयुक्त राष्ट्र ने कश्मीर पर जताई चिंता, कहा- घाटी के नागरिकों के अधिकार बहाल करे भारत

एक तरफ मंगलवार को जहां यूरोपियन डेलिगेशन कश्मीर दौरे पर हैं. वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कश्मीर को लेकर चिंता जताई है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ भी की.

Updated on: 29 Oct 2019, 07:43 PM

नई दिल्ली:

एक तरफ मंगलवार को जहां यूरोपियन डेलिगेशन कश्मीर दौरे पर हैं. वहीं दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कश्मीर को लेकर चिंता जताई है. इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार की तारीफ भी की. संयुक्त राष्ट्र(UN) ने कहा कि कश्मीर (Kashmir) के लोग अपने अधिकारों से वंचित हैं. नागरिकों के सभी अधिकार को बहाल किया जाए. संयुक्त राष्ट्र (UN) ने कहा, 'घाटी के लोग अधिकारों से वंचित हैं और हमने भारतीय अधिकारियों से मांग की है कि कश्मीर में नागरिकों के सभी अधिकार बहाल हों.'

संयुक्त राष्ट्र (UN) के उच्चायुक्त के प्रवक्ता रूपर्ट कोल्विले ने कहा कि भारत सरकार ने कश्मीर में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं. लेकिन इसके साथ ही कश्मीर (Kashmir) में लोग अधिकारों से वंचित है उन्हें उनके अधिकारों को पूरी तरह बहाल करने की अपील भी की गई है.

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इधर, यूरोपीय संसद का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को कश्मीर के जमीनी हालात का जायजा लेने के लिए श्रीनगर पहुंचा. हवाई अड्डे से प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने ललित होटल पहुंचाया गया. सूत्रों के अनुसार, जम्मू एवं कश्मीर प्रशासन द्वारा प्रतिनिधिमंडल को प्रजेंटेशन के माध्यम से जानकारी प्रदान की जाएगी. पुलिस भी प्रतिनिधिमंडल को घाटी में सुरक्षा हालातों के बारे में ब्रीफ करेगी.

अनुच्छेद 370 को रद्द किए जाने और जम्मू एवं कश्मीर (Jammu and kashmir) से विशेष राज्य का दर्जा वापस लिए जाने के बाद घाटी का दौरा करने वाला पहला विदेशी प्रतिनिधिमंडल यहां रह रहे अलग-अलग समुदाय के लोगों से भी मुलाकात करेगा.

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इस बीच, कश्मीर (Kashmir) में बंद लागू है. दुकाने बंद हैं, सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद हैं और निजी वाहनों की संख्या में भी कमी देखी गई. मंगलवार को श्रीनगर का खुला बाजार भी बंद रहा. श्रीनगर के कुछ इलाकों से प्रदर्शनों और झड़पों की खबर सामने आई हैं. कश्मीर में मंगलवार से शुरू हो रही मैट्रिक की परीक्षा के लिए छात्र परीक्षा केंद्रों में आ रहे हैं.

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बता दें कि जम्मू-कश्मीर से 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटा दिया गया था. इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर से लद्दाख को अलग करके दोनों को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया गया था. घाटी में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए कई पाबंदियां लगाई गईं. हालांकि अब वहां की स्थिति सामान्य हो रहे हैं.