Advertisment

यूनिटेक के एमडी संजय चन्द्रा और भाई अजय चन्द्रा दो दिन की पुलिस हिरासत में, निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का है मामला

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार यूनिटेक के एमडी संजय चन्द्रा और भाई अजय चन्द्रा को अदालत ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया हैं।

author-image
pradeep tripathi
एडिट
New Update
यूनिटेक के एमडी संजय चन्द्रा और भाई अजय चन्द्रा दो दिन की पुलिस हिरासत में, निवेशकों के साथ धोखाधड़ी का है मामला

यूनिटेक के एमडी संजय चंद्रा (फाइल फोटो)

Advertisment

निवेशकों के साथ धोखाधड़ी करने के मामले में गिरफ्तार यूनिटेक के एमडी संजय चन्द्रा और भाई अजय चन्द्रा को अदालत ने दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया हैं। देर रात गिरफ्तारी के बाद दिल्ली पुलिस ने शनिवार दोपहर दोनों को पटियाला हाउस  कोर्ट में पेश किया और तीन दिनों की रिमांड की मांग की।

रिमांड हासिल करने के लिए पुलिस ने कोर्ट में क्या कहा

रिमांड की मांग करते हुए दिल्ली पुलिस ने कोर्ट को बताया कि संजय चन्द्रा ने 2011 में गुरुग्राम के सेक्टर 70 में  अपने एक प्रोजेक्ट के लिए निवेशकों से मोटी रकम वसूली। इसके बाद कंपनी ने न तो समय पर प्रोजेक्ट ही पूरा किया और न ही ग्राहकों को इसकी ऐवज में ब्याज समेत राशि ही लौटाई गई। यहां तक कि  प्रोजेक्ट के लिए प्रधिकरण से भी इसकी अनुमति नही ली गयी।  

और पढ़ें: अखिलेश पर बरसे मुलायम, कहा- जो पिता का न हुआ, किसी और का क्या होगा

अदालत से पुलिस ने बताया कि अभी तक 91 ऐसे निवेशकों की शिकायत मिल चुकी है जिनसे कम्पनी 35 करोड़ वसूल चुकी है, लेकिन फ्लैट मिलने में वो नाकामयाब रहे हैं। पुलिस ने कोर्ट को बताया कि जो दस्तावेज जांच के लिए पुलिस ने चन्द्रा से मांगे, वो चन्द्रा ने पुलिस को नही सौपे, इसलिए उन्हें गिरफ्तार करना पड़ा।

पुलिस ने कहा कि इस मामले में प्रोजेक्ट से सम्बंधित दस्तावेजों का पता लगाने, प्रोजेक्ट में हुए खर्च का पता लगाने, मनी ट्रेल का पता लगाने और इस फर्जीवाड़े से लाभ हासिल करने वाले लोगों तक पहुँचने के लिए संजय और अजय चन्द्रा की रिमांड जरूरी है। 

और पढ़ें: भारत की नो फर्स्ट यूज परमाणु नीति में बदलाव से डरा पाकिस्तान

चन्द्रा के वकील ने विरोध किया

संजय चन्द्रा के वकील विजय अग्रवाल ने पुलिस की रिमांड अर्जी का विरोध किया। विजय अग्रवाल ने दलील दी कि पुलिस जरूरी होने पर उसके आफिस और घर की तलाशी ली सकती हैं, लेकिन किसी विशेष दस्तावेज को देने के लिए दबाव नही बना सकती। इस मामले में चन्द्रा की गिरफ्तारी को कोई जरूरत नही  थी।

वकील ने कहा यहाँ तक कि पुलिस जांच की प्रगति के बारे में हाईकोर्ट और निचली अदालत में अलग अलग बात कह रही है, जहां हाईकोर्ट में पुलिस ने कहा कि जांच पूरी हो चुकी है, वही यहाँ पुलिस जांच जारी रहने का हवाला दे रही है। चन्द्रा के पास प्रोजेक्ट के पास जरूरी लाइसेंस था और इसकी एवज में फीस भी दी गयी थी।

और पढ़ें: गोमती रिवर फ्रंट: अखिलेश के प्रोजेक्ट की योगी आदित्यनाथ ने दिये जांच के आदेश

चन्द्रा के वकील ने यहाँ तक कहा कि उनके मुवक्किल अदालत में ये बयान देने के लिए तैयार हैं कि जो भी जानकारी उनके पास थी, वो पहले से ही पुलिस को दे चुके हैं, अब और कोई अलग जानकारी पुलिस को देने के लिए उनके पास नही है। वकील के मुताबिक प्रोजेक्ट के बारे में शिकायत महज चंद निवेशकों की थी। ज्यादातर निवेशक प्रोजेक्ट से सन्तुष्ट हैं।

और पढ़ें: योगी सरकार राशन कार्ड में लगाएगी स्मार्ट चिप, अखिलेश की फोटो हटाई जाएगी

कोर्ट का आदेश

कोर्ट ने दोनों की दलील सुनने के बाद यूनिटेक के एमडी संजय चन्द्रा और अजय चन्द्रा, दोनों को दो दिन के लिए तक पुलिस हिरासत में भेज दिया। अब पुलिस 3 अप्रैल को उन्हें फिर से कोर्ट में पेश करेगी।

और पढ़ें: यूपी में योगी सरकार ने सैफुल्ला एनकाउंटर में मजिस्ट्रेट जांच के दिए आदेश दिए

और पढ़ें: बीजेपी पर ओवैसी का तंज, कहा- यूपी में गाय मम्मी, पूर्वोत्तर में यम्मी'

Source : Arvind Singh/Rizwan Arif

Unitech Sanjay Chandra Ashu Garg
Advertisment
Advertisment
Advertisment