नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ने करीब 50 हजार घरों, संपत्तियों के बाहर डिजिटल डोर नंबर (एनडीडीएन) यानी एक स्टील की छोटी से प्लेट पर 9 अंकों के अलावा क्यूआर कोड लगाया है, जिससे उस घर के पानी, बिजली आदि की जानकारी मिल सकेगी।
इसके अलावा घर में गैस, टैक्स आदि के बकाया की भी जानकारी मिल सकेगी।
एनडीएमसी के मुताबिक, क्षेत्र के घरों और संपत्तियों की पहुंच और समान पहचाने के मुद्दों को हल करने के लिए, पालिका परिषद ने अपने क्षेत्र में डिजिटल डोर नंबर ( एनडीडीएन) परियोजना शुरू की है।
दरअसल एनडीडीएन एक वैज्ञानिक, स्ट्रीट-आधारित एड्रेसिंग सिस्टम है, जो नौ अंकों के अल्फा न्यूमेरिक के साथ अंतरराष्ट्रीय दिशानिर्देशों का पालन करता है।
इसके लगने के बाद नई दिल्ली नगरपालिका परिषद ऐसा पहला इलाका है, जिसने एनडीएन के साथ पानी, बिजली और संपत्ति कर जैसी उपयोगिता में संपत्ति स्तर के डेटा को एकीकृत किया है।
इस कोड को स्कैन करने के बाद सभी तरह के पेमेंट्स का पुराना रिकॉर्ड भी देखा जा सकता है। इसके लगने के बाद प्रत्येक संपत्ति को मानचित्र पर डिजिटल रूप से पहचाना जा सकता है।
नौ अंकों वाला प्रत्येक एनडीएन , क्यूआर कोड के साथ एकीकृत है, जिसका उपयोग संपत्ति के विवरण प्राप्त करने के लिए किया जाएगा।
एनडीडीएन में आरएफआईडी के माध्यम से, सही समय पर कचरा इकट्ठा करने वाली गाड़ी के स्थान का पता लगाया जा सकता है, जिसे इंट्रीग्रेटेड कमांड और कंट्रोल सेंटर में देखा जा सकता है।
हालांकि भविष्य में विभिन्न क्षेत्रों में इसकी उपयोगिता के लिए इसे बढ़ाया जा सकता है। वहीं एनडीएमसी ने गूगल के माध्यम से परिसर का पता लगाने के लिए चार अल्फा-न्यूमेरिक अंकों का एक अद्वितीय शॉर्ट कोड भी बनाया है।
एम्बुलेंस, पुलिस, सार्वजनिक शिकायतों जैसी सेवा वितरण में सुधार के लिए इस एनडीएन को सार्वजनिक और निजी सेवा प्रदाताओं के साथ और एकीकृत किया जाएगा।
डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.
Source : IANS