भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने एक विशेष मानवीय पहल करते हुए अपने सेवानिवृत्त डॉग्स को बच्चों के एक चिकित्सा केंद्र में भेजने की प्रथा शुरू की है। आज बल के 4 सेवानिवृत्त डॉग्स - सुल्तान और रोज़ी- दोनों लैब्राडोर, स्पीड- एक जर्मन शेफर्ड डॉग और तूफ़ान- एक मेलिनोईस ने विशेष बच्चों के संस्थान का दौरा किया और स्थानीय ऑटिज़्म, सेरेब्रल पाल्सी और पुनर्वास और इन्टेलेक्चुअल डिसेबिलिटी चिकित्सीय केंद्र में बच्चों के बीच खुशी बिखेर दी।
ITBP ने विशेष बच्चों के लिए इस सरकारी चिकित्सा संस्थान के साथ यह पहल इस उद्देश्य से की है कि इसके अनुभवी K9 बच्चों के बीच खुशियाँ बिखेरें और उनके जीवन को बेहतर बना सकें। ये डॉग्स अब से सप्ताह में तीन दिन बच्चों को देखने केंद्र आया करेंगे। ITBP के ये 4 डॉग्स कई वर्षों तक उग्रवाद विरोधी क्षेत्रों में सेवा देने के बाद सेवानिवृत्त हुए हैं और सेवा के दौरान कई विस्फोटकों और अम्बुश आदि का पता लगाया है। वे वर्तमान में राष्ट्रीय डॉग प्रशिक्षण केंद्र (एनटीसीडी), भानु, पंचकुला में अपनी सेवा की 'दूसरी पारी' के लिए बने विशेष सेवानिवृत्ति गृह में रखे गए हैं।
आईटीबीपी पशु चिकित्सा कैडर के डीआईजी सुधाकर नटराजन ने कहा, "कुछ ऑटिज्म स्पेक्ट्रल बच्चों के लिए एक गैर-मौखिक, गैर मानव कंपनी की उपस्थिति बहुत सुखदायक है और यह अति सक्रिय बच्चों में शांति लाती है, इसके अलावा डॉग्स के साथ उनका संपर्क समय उनके हाथ-आंख समन्वय में सुधार और आंखों को स्थिर करता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि मनुष्यों के विपरीत, डॉग्स के साथ का परिवेश बच्चों में बहुत से संज्ञानात्मक परिवर्तन ला सकता है।” ITBP में एक विशिष्ट K9 विंग है और पिछले कुछ वर्षों में बल और अन्य CAPF और राज्य पुलिस बलों के गुणवत्ता K9 दस्तों के प्रशिक्षण के साथ ऑपरेशन आदि के क्षेत्र में इसका एक विशिष्ट इतिहास रहा है।
Source : News Nation Bureau