केंद्रीय मंत्री राम चंद्र प्रसाद सिंह ने शुक्रवार को यहां उनके आधिकारिक आवास पर लंच पार्टी का आयोजन अपनी ही पार्टी जनता दल (यूनाइटेड) के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को संदेश देने के लिए किया है।
सिंह, जद (यू) कोटे के तहत नरेंद्र मोदी सरकार में केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह को राष्ट्रीय अध्यक्ष पद सौंपे जाने के बाद से उनकी ही पार्टी के शीर्ष नेतृत्व द्वारा दरकिनार कर दिया गया है।
कहा जाता है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने आरसीपी सिंह को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कैबिनेट विस्तार के दौरान दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्रालय के विभागों के लिए भाजपा के साथ सौदेबाजी करने के लिए कहा था।
पार्टी के अंदरुनी सूत्रों का कहना है कि आरसीपी ने अपने निजी हितों को पार्टी से आगे रखा और केंद्रीय मंत्री बने।
जद (यू) की तरह यहां भी एक व्यक्ति एक पद के के तहत आरसीपी सिंह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद छोड़ दिया।
उसके बाद ललन सिंह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। ललन सिंह ने राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद उन नेताओं को दरकिनार कर दिया जो आरसीपी सिंह के प्रति वफादार थे और पार्टी के भीतर प्रमुख पदों पर थे। इसलिए, आरसीपी सिंह के कई वफादार ललन सिंह खेमे में कूद पड़े।
आरसीपी सिंह का राज्यसभा का कार्यकाल भी इस साल की दूसरी छमाही में समाप्त हो रहा है और अनिश्चितता बनी हुई है कि उन्हें पार्टी से राज्यसभा सदस्य के रूप में फिर से चुना जाएगा या नहीं। इसलिए, वह पार्टी के भीतर अपने वफादारों को देखना चाहते हैं।
उनके द्वारा दी गई लंच पार्टी को शक्ति प्रदर्शन के तौर पर देखा जा रहा है। उन्होंने 5,000 लोगों के लिए लंच पार्टी का इंतजाम किया है। मीडिया को भी आमंत्रित किया गया है, ताकि वह पार्टी के भीतर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को अपनी असली ताकत व्यक्त कर सकें।
आरसीपी सिंह पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि भाजपा के साथ बातचीत करने की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि वह पहले ही लोकसभा में अपना बहुमत साबित कर चुकी है और केंद्र में सरकार चलाने में सक्षम है।
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Source : IANS