logo-image

PM Narendra modi Oath Ceremony : मुख्तार अब्बास नकवी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में ली शपथ

नकवी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में वे भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री हैं.

Updated on: 31 May 2019, 06:37 AM

highlights

  • कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी
  • कहां हुआ जन्म और शिक्षा 
  • मुख्तार अब्बास नकवी आपातकाल में

नई दिल्ली:

PM Narendra modi Oath Ceremony : मुख्तार अब्बास नकवी ने कैबिनेट मंत्री के रूप में ली शपथ. आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) दूसरी बार देश के प्रधानमंत्री के पद पर शपथ लेंने जा रहे हैं लोकसभा चुनाव में बीजेपी (BJP) को या यूं कहें कि NDA को देश ने प्रचंड बहुमत देकर वापस से सत्ता संभालने का जनादेश दिया है. आज सात बजे राष्ट्रपति भवन में नरेंद्र दामोदर दास मोदी, प्रधानमंत्री पद की गोपनीयता की शपथ लेंगे. आइये जानते हैं कि इस खास मौके पर जिन लोगों को आमंत्रण दिया गया है, उनमें से वरिष्ठ बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी का नाम भी आता है. आइये जानते हैं कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी और क्या खास होगा उनके शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने से.

कौन हैं मुख्तार अब्बास नकवी
15 अक्टूबर 1957 को जन्में मुख्तार अब्बास नकवी भारत के एक प्रसिद्ध राजनेता हैं। नकवी बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रह चुके हैं और वर्तमान में वे भारत सरकार में अल्पसंख्यक मामलों के कैबिनेट मंत्री हैं.

यह भी पढें: केंद्रीय मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश से शामिल हो सकते हैं ये 14 सांसद- सूत्र

कहां हुआ जन्म और शिक्षा
मुख्तार अब्बास नकवी का जन्म इलाहाबाद में हुआ. उन्होने अपनी शिक्षा इलाहाबाद विश्वविद्यालय से प्राप्त की. 15 अक्‍टूबर 1957 को इलाहबाद में जन्मे नकवी ने मास कम्‍युनिकेशन से स्‍नातकोत्‍तर किया. इसी के साथ उन्होंने मीडिया और कम्‍युनिकेशन में डिप्‍लोमा भी किया. नकवी छात्र राजनीति में भी काफी सक्रीय रहे.

मुख्तार अब्बास नकवी आपातकाल में

यह भी पढें:  उत्तराखंड से सांसद रमेश पोखरियाल भी बनेंगे केंद्रीय मंत्री, PMO से आया फोन
भारत में आपातकाल घोषित होने पर तक वे जेल में थे. नकवी कभी इंदिरा गांधी को चुनाव में हराने वाले समाजवादी नेता राजनारायण के करीबी थे और उनके प्रभाव में सोशलिस्ट हुआ करते थे. वे बीजेपी में शामिल हो गए और मुख्तार अब्बास नकली ने पहले बीजेपी के टिकट पर मऊ जिले की सदर विधान सभा सीट से दो बार विधानसभा पहुचने की कोशिश की पर असफल रहे. सन 1991 मे वे मात्र 133 मतों से सीपीआई के इम्तियाज अहमद से चुनाव हार गये. उसके बाद सन 1993 के विधानसभा चुनावों में बसपा के नसीम ने लगभग 10000 मतों से उन्हें चुनाव हरा दिया.

1998 में रामपुर से लोकसभा का चुनाव लड़ा और जीत गए, ये पहली बार हुआ था कि कोई मुस्लिम चेहरा भारतीय जनता पार्टी के प्रत्याशी के रूप में चुनकर पहली बार संसद पहुँचा था। वे अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्य मंत्री भी बन गए वह दो किताबें स्याह और दंगा भी लिख चुके हैं.