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असदुद्दीन ओवैसी के अफगानिस्तान के हालात से भारत की तुलना पर भड़की केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे

ओवैसी ने कहा था,  भारत में 9 में से एक बच्ची पांच साल की उम्र से पहले ही मर जाती है. लेकिन वे (केंद्र) अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर चिंतित हैं.

Updated on: 20 Aug 2021, 04:01 PM

highlights

  • असदुद्दीन ओवैसी ने भारत और अफगानिस्तान के हालात की तुलना की
  • ओवैसी के इस बयान पर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने देश छोड़ने की सलाह दी
  • भारत ने उन अफगानों के लिए आपातकालीन ई-वीजा सेवा शुरू की है

नई दिल्ली:

अफगानिस्तान में तालिबान (Taliban) के कब्जे को लेकर भारत (India) में सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है. भारत और अफगानिस्तान के हालात की तुलना करने पर केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) को देश छोड़ने की सलाह दी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, ओवैसी ने कहा था,  भारत में 9 में से एक बच्ची पांच साल की उम्र से पहले ही मर जाती है. लेकिन वे (केंद्र) अफगानिस्तान में महिलाओं के साथ जो हो रहा है, उसे लेकर चिंतित हैं. क्या यह यहां नहीं हो रहा?’ बीते रविवार को ही तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी जीत की घोषणा कर दी थी. 

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पत्रकारों से बातचीत के दौरान केंद्रीय मंत्री शोभा करंदलाजे ने कहा, ‘ओवैसी को उनकी महिलाओं और समुदाय की रक्षा करने के लिए अफगानिस्तान भेज देना बेहतर है.’ इस हफ्ते प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरकार में वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया था कि भारत केवल अफगानिस्तान के नागरिकों की ही रक्षा नहीं करेगा, बल्कि यहां आने की इच्छा रखने वाले सिख और हिंदू समुदाय के अल्पसंख्यकों को शरण भी देगा. करीब दो दशकों के बाद तालिबान के सत्ता में लौटने से डरे कई अफगानी नागरिक लगातार देश छोड़कर भाग रहे हैं.

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बता दें कि, भारत ने उन अफगानों के लिए आपातकालीन ई-वीजा सेवा शुरू की है, जो भारत आना चाहते हैं. साथ ही अफगानिस्तान से वापसी से जुड़े निवेदनों में सहायता करने के लिए 24×7 विशेष अफगानिस्तान सेल की शुरुआत की गई है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 15 अगस्त को काबुल पर तालिबान का नियंत्रण होने से पहले करीब 1650 भारतीयों ने वापसी की इच्छा जताई थी. तालिबान जिस तरह एक के बाद एक जिले पर कब्जा करता जा रहा था, वैसे-वैसे भारत अपने अधिकारियों औऱ नागरिकों की घर वापसी की योजना को तेजी से बनाता जा रहा था. उत्तरी प्रांतों पर तालिबान के कब्जे के बाद जब तालिबान ने दक्षिण के महत्वपूर्ण प्रांतों की ओर रुख किया, तब भारत ने अपनी योजनाओं को और तेज कर दिया.