गृहमंत्री अमित शाह (Amit shah) ने दिल्ली में जनगणना भवन की आधारशिला रखी. इसके साथ ही बताया कि 1865 से अबतक 16वीं जनगणना होने जा रही है. इस जनगणना में कई बदलाव और नई पद्धति के साथ जनगणना कराई जाएगी. इस बार की जनगणना डिजिटल होने जा रही है.
अमित शाह ने बताया कि 2021 में 16वीं जनगणना कराई जाएगी. उसमें मोबाइल ऐप का इस्तेमाल किया जाएगा. इसमें डिजिटल तरीके से आंकड़े उपलब्ध होंगे.शाह ने कहा कि जितनी बारीकी से जनगणना होगी, देश के अर्थतंत्र को मजबूत करने में उतनी ही मदद मिलेगी.
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जनगणना भवन के बारे में अमित शाह ने कहा कि जनगणना की पूरी बिल्डिंग ग्रीन होगी, भारत में ग्रीन बिल्डिंग के कॉन्सेप्ट को अपनाने की जरूरत है. नई जनगणना का ब्योरा इसी बिल्डिंग के माध्यम से रखा जाएगा.
अमित शाह ने डिजिटल जनगणना की जानकारी देते हुए कहा कि मोबाइल ऐप के जरिए जनगणना कराई जाएगी. इसकी 16 भाषाओं में जानकारी दी जा सकती है. जिसका सत्यापन किया जाएगा. अमित शाह ने कहा कि 2011 की जनगणना में पता चला था कि भारत बहुभाषी देश है और यहां 270 बोलियां बोली जाती है.
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उज्जवला योजना का जिक्र करते हुए गृहमंत्री ने कहा कि 2011 की जनगणना के आंकड़ों का उज्जवला योजना का उपयोग हुआ. 8 करोड़ परिवारों को गैस कनेक्शन दिया गया. इसके साथ ही उन्होंने कहाकि 2022 में एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं होगा जिसके घर में गैस चूल्हा ना हो.
शाह ने बताया कि सरकार अब तक हुई सभी जनगणनाओं में सबसे ज्यादा खर्च इस बार करने जा रही है. जनगणना में सरकार इस बार लगभग 12 हजार करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है.