लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह का ओवैसी पर हमला, कहा- ये नरेंद्र मोदी..
लोकसभा की कार्यवाही आज शाम 4 बजे के बदले सुबह 10 बजे से शुरू हुई. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा वो कहते हैं कि मोदी सरकार ने 2जी से 4जी विदेशियों के दबाव में किया है.
नई दिल्ली:
संसद (Parliament) के बजट सत्र के पहले चरण का आज आखिरी दिन है. आज लोकसभा (Lok sabha) में प्रश्नकाल नहीं हुआ. लोकसभा की कार्यवाही आज शाम 4 बजे के बदले सुबह 10 बजे से शुरू हुई. इस दौरान केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी पर हमला बोलते हुए कहा वो कहते हैं कि मोदी सरकार ने 2जी से 4जी विदेशियों के दबाव में किया है. उनको पता नहीं है कि ये यूपीए सरकार नहीं, जिसे वो समर्थन करते थे. ये नरेन्द्र मोदी जी की सरकार है, इसमें देश की सरकार, देश की संसद, देश के लिए फैसले करती है. ओवैसी साहब अफसरों का भी हिन्दू मुस्लिम में विभाजन करते हैं.
गृहमंत्री अमित शाह ने हमला जारी रखते हुए कहा कि, एक मुस्लिम अफसर हिन्दू जनता की सेवा नहीं कर सकता या हिन्दू अफसर मुस्लिम जनता की सेवा नहीं कर सकता क्या? अफसरों को हिन्दू मुस्लिम में बांटते हैं और खुद को सेक्युलर कहते हैं. कोविड-19 (Covid-19) संकट के कारण इस बजट सत्र की शुरुआत से लोकसभा की कार्यवाही 29 जनवरी और एक फरवरी को छोड़कर शाम 4 बजे से आयोजित की जा रही थी.
जम्मू-कश्मीर पर बोले अमित शाह
जम्मू कश्मीर में 50 हजार परिवारों को स्वास्थ्य बीमा के तहत कवर किया है, लगभग 10 हजार युवाओं को रोजगार में कवर किया गया है, 6 हजार नए काम शुरू हुए और 4,440 फुटबॉल और क्रिकेट की किटों को गांवों में पहुंचाकर, बच्चों के हाथ मे बंदूक की जगह क्रिकेट का बैट हो उसकी व्यवस्था हमनें की है. जम्मू कश्मीर की पंचायतों को हमने अधिकार दिया है, बजट दिया है. पंचायतों को सुदृढ़ किया है. वहां अफसर भेजे जा रहे हैं. प्रशासन के 21 विषयों को पंचायतों को दे दिया है. करीब 1500 करोड़ रुपये सीधे बैंक खातों में डालकर जम्मू कश्मीर के गांवों के विकास का रास्ता प्रशस्त किया है.
दिसंबर 2018 में जम्मू-कश्मीर के निचली पंचायत चुनाव में 74 फीसदी वोटिंग
दिसंबर 2018 में जम्मू कश्मीर की निचली पंचायत के चुनाव हुए, जिसमें 74 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया. कश्मीर के इतिहास में इतना मतदान कभी नहीं हुआ था. वहां करीब 3650 सरपंच निर्वाचित हुए, 33,000 पंच निर्वाचित हुए. अब वहां राजा-रानी के पेट से नेता नहीं बनेंगे, वोट से नेता चुने जाएंगे. सिर्फ चुनाव के बाद हम नहीं रुके, हमनें उनको अधिकार दिया है, बजट दिया है. उनको स्थिरता प्रदान की है, पंचायतों को सुद्रढ़ किया है, वहां अफसर भेजे जा रहे हैं, एडमिनिस्ट्रेशन के 21 विषय पंचायतों के हवाले कर दिया गया है.
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