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राहत सामग्रियों के आयात पर 31 अगस्त तक छूट, आर्थिक पैकेज पर अभी कोई फैसला नहीं

निर्मला सीतारमण 43 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि वार्षिक रिटर्न फाइलिंग को भी सरल बनाया गया है. परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन करने की सिफारिश की है ताकि सुलह बयानों के स्व-प्रमाणन की अनुमति दी जा सके.

Updated on: 28 May 2021, 11:47 PM

highlights

  • आर्थिक पैकेज देने के बारे में कोई अंतिम फैसला नहीं किया है
  • कोरोना की दूसरी लहर में राज्यों में लॉकडाउन लगाया गया है
  • लेकिन पिछली बार की तरह पूरी तरह लॉकडाउन नहीं है

नई दिल्ली:

जीएसटी परिषद की 43 वीं बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी मुआवजा उपकर पर पिछले साल जैसा ही फॉर्मूला इस साल भी अपनाया जाएगा. मोटे तौर पर अनुमान है कि केंद्र को 1.58 लाख करोड़ रुपये उधार लेने होंगे और इसे राज्यों को देना होगा. एफएम निर्मला सीतारमण ने कहा कि 2 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले छोटे करदाताओं के लिए वार्षिक रिटर्न फाइलिंग वित्त वर्ष 2020-21 के लिए वैकल्पिक बनी रहेगी, जबकि 2020-21 के लिए सुलह विवरण केवल उन करदाताओं द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा जिनका टर्नओवर 5 करोड़ रुपये या अधिक है.

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निर्मला सीतारमण 43 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद कहा कि वार्षिक रिटर्न फाइलिंग को भी सरल बनाया गया है. परिषद ने सीजीएसटी अधिनियम में संशोधन करने की सिफारिश की है ताकि सुलह बयानों के स्व-प्रमाणन की अनुमति दी जा सके, इसे चार्टर्ड एकाउंटेंट्स द्वारा प्रमाणित करने के बजाय. निर्मला सीताराम ने कहा कि दो वैक्सीन निर्माताओं को अग्रिम भुगतान के रूप में 4,500 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया... देश टीकों के लिए जापानी, यूरोपीय संघ सहित आपूर्तिकर्ताओं/निर्माताओं के साथ काम कर रहा है. आने वाले महीनों में आपूर्ति इससे अधिक होगी.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि लेट फीस को भी युक्तिसंगत बनाया गया है. युक्तियुक्त विलंब शुल्क और छोटे करदाताओं के लिए विलंब शुल्क की अधिकतम राशि को कम करने का निर्णय भविष्य की कर अवधि के लिए प्रभावी होगा. इससे छोटे करदाताओं को दीर्घकालिक राहत मिलेगी. 43 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि करदाता अब अपने लंबित रिटर्न दाखिल कर सकते हैं और कम विलंब शुल्क के साथ इस एमनेस्टी योजना का लाभ उठा सकते हैं. आज के सबसे बड़े फैसलों में से एक छोटे करदाताओं और मध्यम आकार के करदाताओं के अनुपालन बोझ को कम करना है. विलंब शुल्क, एमनेस्टी से जुड़े मामलों पर भी फैसला हुआ. छोटे करदाताओं को राहत देने के लिए, इन मामलों में देय विलंब शुल्क को कम करने के लिए एमनेस्टी योजना की सिफारिश की गई है.

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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि मैंने परिषद में निर्णय लिया है और घोषणा की है कि मंत्रियों का एक समूह जल्दी से गठित किया गया है जो 10 दिनों के भीतर - 8 जून को या उससे पहले अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगा, ताकि यदि कोई और कटौती की जानी है, तो इस अर्थ में , वह दरें उनके द्वारा तय की जाएंगी. 43 वीं जीएसटी परिषद की बैठक के बाद एफएम निर्मला सीतारमण ने कहा कि COVID से संबंधित उपकरणों के लिए तदर्थ छूट दी गई है. परिषद ने इनमें से कई वस्तुओं के आयात को छूट के साथ 31 अगस्त, 2021 तक बढ़ाने का फैसला किया है.