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कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक, आगे की रणनीति बनाएगी सरकार!

तीनों नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी.

Updated on: 13 Jan 2021, 08:17 AM

नई दिल्ली:

तीनों नए कृषि कानूनों पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एक दिन बाद यानी आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी. प्रधानमंत्री मोदी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बैठक की अध्यक्षता करेंगे. सूत्रों का कहना है कि आज की कैबिनेट मीटिंग अहम है. सुप्रीम कोर्ट द्वारा तीनों कृषि कानूनों पर रोक लगाने के बाद अब आगे सरकार की रणनीति क्या होगी, इस पर सरकार अपनी आगे की रणनीति तय करेगी. इसके अलावा केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में आज निजी निवेश बढ़ाने के लिए खनन क्षेत्र में सुधार के प्रस्ताव पर विचार किए जाने की संभावना है.

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सूत्रों ने बताया कि खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं. इससे पहले सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि कोयला क्षेत्र 2022 तक 5 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा. उन्होंने कोयला क्षेत्र के लिए एकल खिड़की निकासी प्रणाली भी शुरू की थी और कहा था कि वाणिज्यिक कोयला खनन की नीलामी से छोटे और मध्यम उद्योगों को आसानी से कोयला प्राप्त करने में सुविधा होगी.

उल्लेखनीय है कि मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय कृषि कानूनों को लागू करने पर रोक लगा दी. कोर्ट में मंगलवार को किसानों के आंदोलन को लेकर लगाई गई याचिका पर सुनवाई हुई, जिसके बाद शीर्ष अदालत ने इन कानूनों के लागू होने पर रोक लगा दी. ये रोक अगले आदेश तक जारी रहेगी. मसले को सुलझाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने चार सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जिनमें कृषि विज्ञान से जुड़े विशेषज्ञों और किसानों को शामिल किया गया है.

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बता दें कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 को वापस लेने और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर फसलों की खरीद की कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं. किसान 26 नवंबर से इन कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं. किसानों ने उसी दिन से दिल्ली आने वाली सीमाओं को अवरुद्ध कर दिया, जिसके बाद इन मार्गो से दिल्ली में प्रवेश मुश्किल हो गया.