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प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट की बैठक, दिल्ली की घटना पर चर्चा संभव

दिल्ली में मंगलवार को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक होने जा रही है.

Updated on: 27 Jan 2021, 09:49 AM

नई दिल्ली:

दिल्ली में मंगलवार को किसान ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा के बाद आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की अहम बैठक होने जा रही है. सुबह 10.30 बजे केंद्रीय कैबिनेट की बैठक होगी. सबसे अहम बात ये है कि आज की मीटिंग में दिल्ली के लॉ एंड ऑर्डर पर चर्चा हो सकती है. इससे पहले मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने हाई लेवल मीटिंग बुलाई थी. उसके बाद दिल्ली को अर्द्धसैनिक बलों के हवाले कर दिया गया.

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गौरतलब है कि संसद का सत्र 29 जनवरी से प्रारम्भ हो रहा है और किसानों ने संसद के घेराव करने का भी ऐलान किया है, इसलिए अब उन रास्तों को ब्लॉक कर दिया गया, जो इंडिया गेट और संसद भवन को जोड़ते हैं. कल हिंसा की इस वारदात के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने आवास पर आपात बैठक बुलाकर राष्ट्रीय राजधानी की सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया और अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती के निर्देश दिए.

उल्लेखनीय है कि कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसानों का आंदोलन आज 63वें दिन में प्रवेश कर गया है. किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हैं, लेकिन उनका अब कोई नेतृत्व नहीं है. नेतृत्वविहान रही ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों ने मंगलवार को दिल्ली में बवाल मचाया. सबसे शर्मनाक बात ये थी कि दंगाई किसानों ने लाल किले पर चढ़कर एक विशेष संगठन का झंडा लगा दिया. इसके अलावा आईटीओ, मुकरबा चौक, नांगलोई समेत कई इलाकों में किसानों और पुलिस जवानों के बीच झड़पें हुईं.

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कई जगहों उपद्रवियों ने जवानों को निशाना बनाया, उन्हें ट्रैक्टर से कुचलने की कोशिश की गई. दिल्ली में हुई अराजकता में कुल 153 पुलिसकर्मी घायल हुए. नॉर्थ दिल्ली में 41, ईस्ट में 34, वेस्ट में 27, द्वारका में 30, शाहदरा में 5 तथा बाहरी नॉर्थ डिस्ट्रिक और साउथ डिस्ट्रिक में 12-12 जवान घायल हुए हैं. इनमें करीब 45 पुलिसकर्मियों की हालत गंभीर बताई जा रही है, जिनका अस्पताल में इलाज चल रहा है. दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने भी कार्रवाई शुरू कर दी है. अब तक दिल्ली के अलग अलग पुलिस थानों में उपद्रवियों पर 20 एफआईआर दर्ज की गई हैं.

बहरहाल राष्ट्रीय राजधानी में गणतंत्र दिवस के मौके पर जो कुछ हुआ, उसे देखर यही कह सकता है कि किसान ट्रैक्टर परेड के लिए नहीं, बल्कि दिल्ली में हिंसा फैलाने के लिए आए थे. लेकिन अब विडंबना यह है कि आंदोलन के नेतृत्व और समर्थन कर रहे नेता कल की घटना से अपना पल्ला झाड़ रहे हैं. फिलहाल इस हिंसा को लेकर पुलिस एक्शन मोड़ में है और मुकदमे दर्ज किए गए हैं.