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मोदी सरकार ने लगाई मुहर, खत्म किया 25 साल पुराना एफआईपीबी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 25 साल पुराने विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (एफआईपीबी) को खत्म कर दिया गया है। एफआईपीबी का काम था सरकार की मंजूरी के बाद प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्रस्तावों की जांच करना।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने बजट सत्र के दौरान अंतर मंत्रालयी निकाय को भंग करने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि लगभग 90 प्रतिशत एफडीआई ऑटोमैटिक रूट से आती है इसके चलते एफआईपीबी की जरुरत कम हो गई है। इसके अलावे सरकार ने कई अन्य अहम फैसले लिए हैं।
इस बैठक में कैबिनेट ने कई अन्य अहम फैसले लिए हैं। जिसमें नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो कॉरिडोर को मंजूरी दी गई है। 29.97 किलोमीटर लंबे प्रोजेक्ट में 5,503 करोड़ रूपये खर्च होंगे।
Cabinet approves abolition of Foreign Investment Promotion Board (FIPB) pic.twitter.com/NwpbqhGjkx
— ANI (@ANI_news) May 24, 2017
यह बोर्ड वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग के अंदर आता है। इससे पहले वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले हफ्ते कहा था कि एफआईपीबी को बंद करने के बारे में फैसला हो चुका है।
कैबिनेट के महत्वपूर्ण फैसले
- असम के कामरूप में एम्स की स्थापना को मिली मंजूरी
- 29.707 किलोमीटर लंबे नोएडा-ग्रेटर नोएडा मेट्रो रेल प्रोजेक्ट के लिए 5,503 करोड़ रुपए मंजूर
- फाइटर एयरक्राफ्ट, पनडुब्बी का निर्माण देश में होगा
- डिफेंस मैन्यूफैक्चरिंग को 4 हिस्सों में बांटा, फाइटर प्लेन बनाने को मंजूरी दी गई
- ‘Make in India’ के लिए नई नीति को मंजूरी, 90% FDI ऑटोमेटिक रूट के जरिए आएगा
- अब केवल 11 सेक्टर होंगे, जहां एफडीआई के लिए सरकार की पूर्व अनुमति की जरूरत होगी
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Source : News Nation Bureau