आम बजट पर हंगामे के कारण नहीं हो सकी चर्चा, लोकसभा में ध्वनिमत से हुआ पारित

लोकसभा में बुधवार को हंगामे के बीच बिना किसी बहस के केंद्रीय बजट पारित कर दिया गया। पीएनबी घोटाले और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग के कारण संसद में पिछले एक हफ्ते से कोई काम नहीं हो सकता है और जिसके कारण बजट पर चर्चा भी नहीं हो पाई।

लोकसभा में बुधवार को हंगामे के बीच बिना किसी बहस के केंद्रीय बजट पारित कर दिया गया। पीएनबी घोटाले और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग के कारण संसद में पिछले एक हफ्ते से कोई काम नहीं हो सकता है और जिसके कारण बजट पर चर्चा भी नहीं हो पाई।

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pradeep tripathi
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आम बजट पर हंगामे के कारण नहीं हो सकी चर्चा, लोकसभा में ध्वनिमत से हुआ पारित

लोकसभा में बुधवार को हंगामे के बीच बिना किसी बहस के केंद्रीय बजट पारित कर दिया गया। पीएनबी घोटाले और आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा दिये जाने की मांग के कारण संसद में पिछले एक हफ्ते से कोई काम नहीं हो सका है और जिसके कारण बजट पर चर्चा भी नहीं हो पाई।

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लोकसभा में बुधवार को विपक्षी पार्टियों के विरोध के बीच बिना बहस के ही बजट को ध्वनिमत से पारित कर दिया गया और 94,61,524 करोड़ रुपये के अनुदान मांग के पक्ष में मत डाला गया।

सरकार और विपक्ष के बीच गतिरोध तत्काल समाप्त होने की कोई भी आशा नजर नहीं आने के बाद, अध्यक्ष सुमित्र महाजन ने बजट को जल्दी पास करने की सरकार की मांग को मानते हुए वित्तीय वर्ष 2018-19 से संबंधित विभिन्न मंत्रालयों की अनुदान मांगों को 'गिलोटिन' के जरिए पारित किया गया।

उन्होंने विधेयक और अनुदान मांग को जैसे ही आगे बढ़ाया, अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रही विपक्षी पार्टियों ने नारे लगाए। वहीं तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके और समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने अध्यक्ष के आसन के समक्ष पहुंचकर नारे लगाए।

सदन ने हालांकि ध्वनिमत से इसे पारित कर दिया। सदन ने एक और विनियोग विधेयक पारित किया जिसके अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2017-18 के अनुपूरक मांग के लिए 906,835 करोड़ रुपये के आधिकारिक भुगतान को मंजूरी दी गई।

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जैसे ही इस संबंध में मत की प्रक्रिया शुरू हुई, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के सदस्य इसके विरोध में बाहर चले गए।

गतिरोध की वजह से मंत्रालय के लिए पेश किए गए किसी भी अनुदान मांग पर बहस नहीं हो सकी।

लोकसभा में विपक्षी पार्टियां पीएनबी घोटाले, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने, कावेरी जल प्रबंधन बोर्ड के गठन समेत कई मुद्दों को लेकर सदन में प्रदर्शन कर रही हैं।

बुधवार को भी सदन की कार्यवाही शुरू होते ही इन्हीं मुद्दों को लेकर हंगामा हुआ।

हंगामे के बीच, संसदीय कार्य मंत्री अनंत कुमार ने अध्यक्ष सुमित्रा महाजन से वित्तीय मामलों को दोपहर 12 बजे शुरू करने का आग्रह किया, जिस पर उन्होंने सहमति जताई।

सदन की कार्यवाही दोबारा 12 बजे शुरू होते ही, तेदेपा, वाईएसआर कांग्रेस, एआईएडीएमके व समाजवादी पार्टी के सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गए और नारे लगाने लगे।

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समाजवादी पार्टी के सदस्यों ने गोरखपुर के डीएम राजीव रौतेला द्वारा मतदान केंद्र पर पत्रकारों के दाखिले से मनाही के मुद्दे पर सुमित्रा महाजन से उत्तर प्रदेश में 'लोकतंत्र बचाने' का आग्रह किया और राज्य की भाजपानीत सरकार के विरुद्ध प्रदर्शन किया।

लोकसभा अध्यक्ष वित्त विधेयक समेत अन्य विधेयक को पास करने की मंजूरी दे रही थीं, पीएनबी घोटाला मामले में प्रदर्शन कर रही कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस और वाम पार्टियों के सदस्य अपनी जगहों से खड़े हो गए। इस दौरान अध्यक्ष के आसन के समीप खड़े सदस्यों ने नारे लगाए।

इससे पहले मंगलवार को भी, विपक्षी पार्टियों के सदस्यों ने विभिन्न मांगों को लेकर प्रदर्शन किया था।

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Source : IANS

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