बरेलवी आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा अखिल भारतीय तंजीम उलमा-ए-इस्लाम ने शनिवार को कहा कि उसने उपमहाद्वीप में मुत्तहिदा हिंदुस्तान या वन इंडिया आंदोलन शुरू किया है और वे इसे दुनिया भर में ले जाएंगे।
एक कार्यक्रम में बोलते हुए, ऑल इंडिया तंजीम उलमा-ए-इस्लाम के राष्ट्रीय महासचिव मौलाना शाहबुद्दीन रजवी ने कहा कि वे पुराने समय का भारत चाहते हैं, जैसा कि 1658 ईस्वी में था। मंच पर मौजूद अन्य प्रमुख मुस्लिम व्यक्तियों द्वारा भी उनका समर्थन किया गया।
बरेलवी संप्रदाय का प्रमुख संगठन होने का दावा करने वाली मुस्लिम संस्था समुदाय के सामाजिक सुधारों पर भी काम कर रही है और मुस्लिम समाज से सामाजिक बुराइयों को मिटाने की कोशिश कर रही है।
संगठन के महासचिव मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आईएएनएस से कहा, भारत को पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बर्मा, तिब्बत, श्रीलंका और बांग्लादेश के विलय के साथ मुत्तहिदा हिंदुस्तान (अखंड भारत) का दर्जा प्राप्त करना चाहिए, जैसा कि 1658 ईस्वी में था। संगठन ने इसके लिए वैश्विक स्तर पर एक आंदोलन शुरू किया है।
उन्होंने कहा कि अगर जर्मनी एकजुट हो सकता है, तो भारतीय उपमहाद्वीप को क्यों नहीं। विशेष रूप से इस क्षेत्र में मौजूद सामान्य संस्कृति को देखते हुए ऐसा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, यह भारत को एक मजबूत देश बनाएगा और हम इसके लिए लोगों को प्रेरित करने की कोशिश कर रहे हैं।
तंजीम एजेंडा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के समान है, क्योंकि इसके प्रमुख मोहन भागवत ने 26 नवंबर को कहा था कि देश ने विभाजन के समय एक बड़ा नुकसान झेला था, जिसे भुलाया नहीं जा सकता और इस तरह फिर से दोहराया नहीं जाएगा।
भागवत विभिन्न आयोजनों में अखंड भारत की वकालत करते रहे हैं। उन्होंने विभाजन को एक अविस्मरणीय घटना करार दिया है और कहा है कि विभाजन का दर्द तभी समाप्त होगा, जब विभाजन को रद्द कर दिया जाएगा, यानी जब भारत देश एक बार फिर से एकजुट हो जाएगा।
भागवत ने कहा है कि भारत के विभाजन के लिए एक साजिश रची गई थी, जो आज भी जारी है। उन्होंने कहा था कि बंटवारा शांति के लिए हुआ था, लेकिन उसके बाद भी देश में दंगे हुए।
तंजीम सामाजिक कुरीतियों को मिटाने के लिए भी काम कर रहा है और दहेज और शादियों में फालतू के पैसे खर्च करने के खिलाफ इसकी ओर से अपील करने के अलावा कड़े बयान भी जारी किए हैं।
इसने मुसलमानों से ठीक तरह से सोच-समझकर चुनाव में वोट करने की अपील की है। इसकी अपील में यह भी कहा गया है कि इस्लामी कानून के अनुसार, महिला वारिस को संपत्ति में उसका हिस्सा मिलना चाहिए।
तंजीम का मानना है कि आतंकवाद का जवाब केवल सूफीवाद ही है और इसे केवल सूफी संस्कृति और इस अभ्यास को बढ़ावा देकर ही हराया जा सकता है।
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Source : IANS