लखनऊ में जल्द ही राज्य के 16 अन्य स्मार्ट शहरों के लिए एकीकृत कमांड कंट्रोल सेंटर (आईसीसीसी) होगा।
इससे हर स्मार्ट सिटी में अलग से एक कमांड सेंटर स्थापित करने के लिए आवश्यक करोड़ों रुपये की बचत होगी।
यह केंद्र कई अन्य सेवाओं और उपयोगिताओं के अलावा, इन शहरों में यातायात प्रवाह में सुधार, यातायात उल्लंघनों को रोकने और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद करेगा।
आईआईटी कानपुर ने शहरी विकास विभाग के अनुरोध पर एकीकृत कमांड सेंटर की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट की समीक्षा की और इसे मंजूरी दी है।
आगामी केंद्र उत्तर भारत के सबसे बड़े क्लाउड-आधारित कमांड केंद्रों में से एक होगा।
शहरी विकास विभाग के विशेष सचिव इंद्रमणि त्रिपाठी ने कहा, केंद्र द्वारा घोषित 10 स्मार्ट शहर हैं, जबकि राज्य सरकार ने राज्य के सात शहरों को स्मार्ट शहरों के रूप में नामित किया है।
गोरखपुर, अयोध्या, शाहजहांपुर, मेरठ, फिरोजाबाद, मथुरा और गाजियाबाद को राज्य सरकार ने स्मार्ट सिटी घोषित किया है, जबकि लखनऊ, कानपुर, आगरा, वाराणसी, प्रयागराज, अलीगढ़, झांसी, बरेली, सहारनपुर और मुरादाबाद केंद्र द्वारा घोषित स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल हैं।
त्रिपाठी ने कहा, लखनऊ का आईसीसीसी लालबाग में 150 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया था, जिसमें अन्य बुनियादी ढांचे के साथ-साथ भवन की लागत भी शामिल है। हमारे पास सुल्तानपुर रोड पर शहरी स्थानीय निकायों के निदेशालय का भवन है, जहां हम यूनिफाइड कमांड सेंटर का इंफ्रास्ट्रक्च र तैयार करेंगे, लेकिन इस बार बाकी 16 स्मार्ट शहरों के लिए लागत लगभग 25 करोड़ रुपये होगी। हम दिसंबर में इस केंद्र को शुरू करने की उम्मीद करते हैं।
एकीकृत कमांड सेंटर में शांतिकाल के साथ-साथ आपातकालीन स्थितियों के लिए घटना-प्रबंधन के अलावा उन्नत एकीकरण, विजुअलाइजेशन होगा।
यह स्मार्ट स्ट्रीट लाइट, पर्यावरण सेंसर, शहर की निगरानी, इंटेलिजेंट यातायात प्रबंधन प्रणाली, सौर ऊर्जा प्रणाली, ई-गवर्नेंस, ई-स्वास्थ्य, गृह कर संग्रह, शिकायत पोर्टल, जीआईएस प्रणाली, आदि जैसे विभिन्न स्मार्ट तत्वों के एकीकरण में मदद करेगा।
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Source : IANS