logo-image

UNHRC बैठक : भारत ने पाकिस्तान को लगाई लताड़, कहा- आतंकवादियों का गढ़

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के सम्मेलन में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान पर हमला बोला है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिवपवन कुमार बाधे ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उसे आतंकवादियों का गढ़ करार दिया है.

Updated on: 22 Jun 2021, 11:24 PM

नयी दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के सम्मेलन में भारत (India) ने एक बार फिर पाकिस्तान पर हमला (Attack on Pakistan) बोला है. संयुक्त राष्ट्र (United Nation) में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव (First Secy at Permanent Mission of India) पवन कुमार बाधे (Pawan Kumar Badhe) ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए उसे आतंकवादियों का गढ़ करार दिया है. पवन कुमार बाधे ने कहा कि, यह खेदजनक है कि पाकिस्तान ने एक बार फिर भारत के खिलाफ निराधार और गैर-जिम्मेदाराना आरोप लगाने के लिए इस मंच का दुरुपयोग किया है.

पवन कुमार बाधे ने बताया कि, पत्रकारिता के अभ्यास के लिए पाकिस्तान को सबसे खतरनाक देशों में से एक के रूप में सूचीबद्ध होने का संदिग्ध गौरव प्राप्त है. पाकिस्तान में मुख्यतः आलोचकों को चुप कराने के लिए पत्रकारों को धमकाया जाता है, अपहरण कर लिया जाता है, हवा में उड़ाया जाता है और कुछ मामलों में तो पत्रकारों की हत्या तक कर दी जाती है. पवन कुमार बाधे ने आगे कहा कि,  पाकिस्तान, अपनी राज्य नीति के रूप में, खूंखार और सूचीबद्ध आतंकवादियों को पेंशन प्रदान करना जारी रखता है और उन्हें अपने क्षेत्र में होस्ट करता है. यही वो पीक ऑवर चल रहा है जबकि पाकिस्तान में आतंकवाद को सहायता और बढ़ावा देने के लिए जवाबदेह ठहराया जाता है. 

इसके पहले 2 मार्च को भी पवन कुमार बाधे ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) के सम्मेलन में पाकिस्तान व इस्लामिक देशों के संगठनों के बयानों को यूएन में भारत के स्थायी मिशन के प्रथम सचिव पवन कुमार बाधे ने सिरे से खारिज किया था. बाधे ने उस समय अपने जवाब देने के अधिकार का इस्तेमाल करते हुए कहा था कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ अपने दुर्भावनापूर्ण प्रचार के लिए इस मंच का जानबूझकर दुरुपयोग किया है. उन्होंने कहा था कि उसका मकसद अपने देश में मानव अधिकारों के गंभीर उल्लंघनों से परिषद का ध्यान हटाना है.

पवन कुमार बाधे 2 मार्च के सम्मेलन में भी पाकिस्तान और इस्लामिक देशों को लताड़ते हुए कहा था कि, 'पाकिस्तानी नेताओं ने इस तथ्य को स्वीकार किया है कि यह आतंकवादियों के उत्पादन की फैक्ट्री बन गया है. पाकिस्तान ने इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि आतंकवाद मानवाधिकारों के हनन का सबसे खराब रूप है और आतंकवाद के समर्थक मानव अधिकारों का सबसे बुरा हनन करते हैं.'