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रेल यात्री बीमा योजना के तहत दो साल में बीमा कंपनियों को मिला 46 करोड़ रुपये का प्रीमियम: आरटीआई

इस योजना की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी. शुरुआत में इसका प्रीमियम प्रति यात्री 0.92 रुपये था.

Updated on: 21 Jul 2019, 03:57 PM

highlights

  • 2 सालों में रेलवे बीमा कंपनियों को 46 करोड़ का लाभ
  • शुरुआत में रेलवे ने खुद वहन किया प्रीमियम
  • 31 अगस्त 2018 के बाद यात्रियों से लिया गया प्रीमियम

नई दिल्ली:

रेलवे की यात्री बीमा योजना (Railway Insurance Scheme) के तहत पिछले दो साल में निजी बीमा कंपनियों (Private Insurance Companies) को करीब 46 करोड़ रुपये के प्रीमियम की कमाई हुई है और इस दौरान उन्होंने बीमा दावों के तहत सात करोड़ रुपये का भुगतान किया है. सूचना का अधिकार (RTI) के तहत एक आवेदन से यह खुलासा हुआ है. रेलवे मंत्रालय की पूर्ण स्वामित्व वाली इकाई आईआरसीटीसी ने वैकल्पिक यात्रा बीमा योजना के लिये श्रीराम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड, आईसीआईसीआई लोम्बार्ड जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड और रॉयल सुंदरम जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिमिटेड से करार किया है. इस योजना की शुरुआत सितंबर 2016 में हुई थी. शुरुआत में इसका प्रीमियम प्रति यात्री 0.92 रुपये था.

भारतीय रेल ने 31 अगस्त 2018 तक प्रीमियम का खुद वहन किया, लेकिन इसके बाद प्रीमियम यात्रियों से वसूला जाने लगा और प्रीमियम घटा कर 0.49 रुपये प्रति यात्री कर दिया गया. इस बीमा योजना की सुविधा कंफर्म या आरएसी टिकट वाले उन यात्रियों को मिलता है जो आईआरसीटीसी की आधिकारिक वेबसाइट से टिकट बुक करते हैं. किसी ट्रेन दुर्घटना की स्थिति में मरने वाले या घायल होने वाले यात्रियों या उनके परिजनों को बीमा राशि का भुगतान किया जाता है.

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मध्य प्रदेश के आरटीआई कार्यकर्ता चंद्र शेखर गौर के आवेदन के उत्तर में पता चला कि पिछले दो साल में आईआरसीटीसी ने बीमा कंपनियों को प्रीमियम के तौर पर 38.89 करोड़ रुपये दिए हैं जबकि बीमा कंपनियों ने यात्रियों को बीमा 7.29 करोड़ रुपये का भुगतान किया है. अधिकारियों ने इस बारे में पूछे जाने पर कहा कि पिछले दो साल में रेल दुर्घटनाओं में कमी आयी है जिसके कारण बीमा के दावे भी कम हुए हैं.

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