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2024 तक दिल्ली के 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स होंगेः अरविंद केजरीवाल

दिल्ली सरकार ने हाल ही में प्रभावशाली ईवी पॉलिसी अधिसूचित की है, जिसके तहत 2024 तक दिल्ली में खरीदे जाने वाले नए वाहनों में से 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स होंगे.

Updated on: 07 Oct 2020, 10:43 PM

नई दिल्‍ली:

‘डेयरिंग सिटीज 2020’ सम्मेलन में दुनिया भर के पांच शहरी नेताओं के बीच बोलने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को आमंत्रित किया गया. इस सम्मेलन की मेजबानी जर्मन सरकार के सहयोग से आईसीएलईएआई और जर्मनी के बॉन शहर द्वारा की गई. ‘डेयरिंग सिटीज’ वायु प्रदूषण पर शहरी नेताओं का एक वैश्विक मंच है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने डेयरिंग सिटीज-2020 सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि दिल्ली में पिछले पांच वर्षों में वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए कई उपाय किए गए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ने हाल ही में प्रभावशाली ईवी पॉलिसी अधिसूचित की है, जिसके तहत 2024 तक दिल्ली में खरीदे जाने वाले नए वाहनों में से 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक व्हीकल्स होंगे.

दिल्ली सरकार बायो डीकंपोजर तकनीक को बढ़ावा दे रही है, जिससे घोल का मिश्रण पराली पर छिड़कने से वह खाद में बदला जाता है. उम्मीद है कि इस तकनीक के अपनाने से पराली जलाने की समस्या से निजात मिल सकेगी. इसके अलावा, हमने सफलता पूर्वक सम-विषम (ऑड-ईवन) योजना लागू की, जिससे वायु प्रदूषण में 15 प्रतिशत की गिरावट आयी. दिल्ली देश का एकमात्र राज्य है, जहां सभी थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए गए हैं. इसके अलावा, अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि डेयरिंग सिटीज 2020’ सम्मेलन में बोलने के लिए आमंत्रित करना एक सम्मान की बात है.

आप सभी जानते हैं कि पूरा विश्व कोरोना वायरस की चपेट में है. कोरोना वायरस के कारण हमने देखा है कि कई जगहों लॉकडाउन किए गए. जब किसी भी जगह पर लॉकडाउन किया गया तो अचानक से हवा के स्तर में सुधार हुआ है. जिसने हमें यह अहसास कराया कि किस तरह मानव किस तरह पर्यावरण ढ़ाचे और जलवायु को बर्बाद करने के लिए जिम्मेदार है. दिल्ली जब वायु प्रदूषण के कारण प्रभावित थी तो इसको लेकर कुछ सालों में हमने कई सहासिक और रचनात्मक फैसले लिए. दिल्ली में हर बार की तरह 2015-16 की सर्दियों में प्रदूषण से हालात बेहद खराब हो गए. पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने जाने के कारण धुंआ आने से दिल्ली गैस चैंबर बन गई. ऐसे में हमें कड़े फैसले लेना जरूरी थी. जब हमने ऑड ईवन स्कीम को लागू करने का फैसला लिया. महीने के विषम दिनों में वाहनों की नंबर प्लेट पर आखिरी विषम संख्या वाले वाहन चालू रहेंगे, जबकि सम दिनों में सम संख्या वाले नंबर चालू रहेंगे.

विश्व के कुछ क्षेत्रों में इससे पहले योजना को लागू किया गया था लेकिन सफल नहीं हुईं. जब हम इसे लागू करने पर विचार कर रहे थे तब कई लोगों ने चेतावनी दी कि यह काफी खतरनाक कदम है जो कि राजनीतिक तौर पर आत्महत्या करने जैसा है. क्योंकि लोग ऐसे कठिन कदम को स्वीकार नहीं करेंगे. लेकिन हमने इसे आक्रामक अभियान के तरीके से लागू किया. लोगों को समझाया कि यह हमारे लिए बेहद जरूरी है. मुझे बताते हुए खुशी है कि लोग आगे आए और स्वयं सेवक के तौर पर जुड़कर इस योजना को लागू करवाया. इसे 15 दिनों के लिए लागू किया गया और इन दिनों में हमने नियमों का उल्लंघन करने वालों के चालान किए. लेकिन हमने पाया कि ऐसा करने वाले बहुत कम लोग थे. उसके बाद हमने ऑड-ईवन स्कीम को 3 से 4 बार लागू किया.

हार्वर्ड के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए शोध से पता चला कि जब सर्दी के महीनों में ऑड-ईवन लागू होता है तो पार्टिकुलेट उत्सर्जन में 15 प्रतिशत की गिरावट होती है. हालांकि यह व्यवस्थित बदलाव नहीं था. यह सिर्फ स्थानीय इमरजेंसी से निपटने का तरीका था. इसे सिर्फ इसके कारण साझा कर रहा हूं कि अभी भी कठोर फैसले लेने के राजनीतिक इच्छा शक्ति दिल्ली में है. सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण फैलाने वाले दो थर्मल पावर प्लांट थे. सरकार ने दोनों थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिए हैं. हम अब अक्षय ऊर्जा की दिशा में एक बड़ा बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं.

इसके अलावा, दिल्ली सरकार ने उद्योग में सबसे अधिक प्रदूषण फैलाने वाले ईंधनों पर प्रतिबंध लगा दिया है. हमने उद्योगों के साथ नजदीकी से काम कर सब्सिडी स्कीम के जरिए स्वच्छ ईंधन पीएनजी पर बदलना सुनिश्चित किया. जिन्होंने नहीं लागू की उनके ऊपर जुर्माना लगाया. अब तक दिल्ली में लगभग सभी उद्योग पीएनजी पर शिफ्ट हो चुके हैं. दिल्ली सरकार बडे स्तर पर पौधा रोपण अभियान चला रही है. 2019-20 में 36 लाख से अधिक पौधे लगाए गए. हम हर साल 30 लाख से अधिक पौधे लगा रहे हैं. लोगों से लेकर बच्चे भी इसमें भाग ले रहे हैं. सीएम ने कहा कि वाहन बड़े स्तर पर प्रदूषण का कारण हैं. इसके चलते सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है. दिल्ली मेट्रो के नेटवर्क में पिछले चार सालों में 80 फीसदी का विस्तार किया गया है. मार्च 2015 में 193 किलोमीटर और जून 2019 में 344 किलोमीटर विस्तार किया गया है.

दिल्ली की हवा फिलहाल बेहतर है लेकिन 15 अक्टूबर से दिसंबर के अंत तक दो-तीन महीने काफी ज्यादा प्रदूषण का सामना करना पड़ता है. जिसका कारण पराली जलाना है, जिसके लिए दिल्ली के आसपास के राज्य जिम्मेदार है. ऐसा इसलिए किया जाता है, क्योंकि अगली फसल की कटाई और बुवाई के बीच समय बहुत कम समय होता है और पराली के निस्तारण के अन्य विकल्पों की कमी होती है. पराली से तत्काल छुटकारा पाने के लिए किसान इसे जलाने के लिए मजबूर हैं.

इस साल भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान हमारे साथ समस्या के निदान को लेकर आगे आया है. हम एक बायो डिस्कंपोजर केमिकल युक्त नवीन स्थायी तकनीक को बढ़ावा दे रहे हैं. जिसमें तरल घोल बनाकर फसल की पराली के ऊपर छिड़काव किया जाता है. जो पराली को खाद में बदल देगा. सुखद बात यह है कि कल ही हमने इसका उद्घाटन दिल्ली में किया है. दिल्ली के सभी खेतों में दिल्ली सरकार की ओर अपने खर्चे पर इसका छिड़काव किया जाएगा. किसानों को कुछ भी नहीं करना होगा. उम्मीद है कि इसमें हमें सफलता मिलेगी. अगले साल हम आसपास के राज्यों को समझाने का प्रयास करेंगे कि वो अपने राज्य में इसे लागू करें. हमें उम्मीद है कि यदि यह सफल रहता है तो आने वाले वर्षों में प्रदूषण की समस्या का समाधान करने में सहायता मिलेगी.

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सार्वनिक परिवहन प्रणाली और नॉन मोटराइज्ड व्हीकल पॉलिसी को बड़े स्तर पर लागू करने की योजना है. इलेक्ट्रिक वाहन नीति के तहत नई बसों में से कम से 50 फीसदी इलेक्ट्रिक बसें हों. दिल्ली सरकार ने हाल ही में एक बहुत ही प्रभावशाली इलेक्ट्रिक व्हीकल नीति अधिसूचित की है. जिससे बड़े स्तर पर इलेक्ट्रीक वाहनों को बढ़ावा मिलेगा. 2024 तक नए खरीदे जाने वाले वाहनों में से 25 फीसदी इलेक्ट्रिक वाहन होंगे.