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वरिष्ठ कांग्रेस नेता अहमद पटेल (फाइल)
गुजरात कांग्रेस के दिग्गज नेता शंकर सिंह वाघेला के पार्टी छोड़ने और 11 कांग्रेस विधायकों के राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए कैंडिडेट का समर्थन करने के बाद अहमद पटेल की राज्यसभा सदस्यता पर संशय पैदा हो गया है। पटेल सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार हैं।
आगामी 8 अगस्त को होने वाले राज्यसभा के चुनावों में अहमद पटेल को राज्यसभा में चौथी बार सदस्य बनाए रखने के लिए पहली वरीयता में 48 वोटों की जरुरत होगी।
अगर राज्यसभा चुनाव में भी राष्ट्रपति चुनाव के लिए गुजरात के मतदान की तर्ज पर ही मतदान होता है, तो पटेल को हार का सामना करना पड़ सकता है।
पटेल का वर्तमान कार्यकाल आठ अगस्त को समाप्त होगा। राष्ट्रपति चुनाव में गुजरात विधानसभा में पड़े कुल 181 मतों में से राजग के रामनाथ कोविंद को 132 और विपक्ष की उम्मीदार मीरा कुमार को 49 मत हासिल हुए।
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182 सदस्यीय गुजरात विधानसभा में कांग्रेस के 57 विधायक हैं, सत्तारूढ़ भाजपा के 122, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दो और जनता दल (युनाईटेड) का एक विधायक है।
जद-(यू) विधायक ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। राकांपा ने मीरा कुमार का समर्थन किया, जबकि भाजपा के विद्रोही विधायक नलिन कोटादिया ने दावा किया कि उन्होंने राजग उम्मीदवार को वोट नहीं दिया।
अगर मान लिया जाए कि ये तीनों वोट मीरा कुमार के पक्ष में गए, तो अपने आधिकारिक उम्मीदवार के खिलाफ वोट करने वाले कांग्रेस विधायकों की संख्या 11 रही।
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माना जा रहा है कि वाघेला को कम से कम एक दर्जन विधायकों का समर्थन हासिल है, जबकि एक स्थानीय गुजराती न्यूज पोर्टल ने खुफिया ब्यूरो के एक सूत्र के हवाले से दावा किया है कि उन्हें कांग्रेस के 57 विधायकों में से 42 का समर्थन प्राप्त है।
इनमें वाघेला, उनके बेटे महेंद्र सिंह वाघेला और दो अन्य शामिल हैं, जो शुक्रवार के मतदान में मौजूद थे। इस आकड़ें में राकांपा के दो विधायक शामिल नहीं हैं।
वाघेला ने शुक्रवार को अपने 77वें जन्मदिन समारोह में घोषणा की थी कि वह राज्य विधानसभा नेता प्रतिपक्ष पद से तत्काल इस्तीफा दे देंगे, लेकिन एक विधायक के तौर पर राज्यसभा चुनाव के बाद इस्तीफा देंगे।
Source : IANS