संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने नॉर्थ कोरिया पर प्रतिबंध लगा दिया है। अमेरिकी प्रस्ताव पर संयुक्त राष्ट्र के मुहर लगाने के बाद नॉर्थ कोरिया पर कड़े प्रतिबंध लग गए हैं। जिससे उसे निर्यात किये जाने वाले तेल में 30 फीसदी कटौती कर दी जाएगी।
15 सदस्यीय यूएन बॉडी के अमेरिकी प्रस्ताव 2375 को पारित करने का बाद यूएन में अमेरिका की राजदूत निकी हैली ने कहा, 'आज हम ये कहना चाहते हैं कि दुनिया परमाणु संपन्न नॉर्थ कोरिया नहीं चाहती है। साथ ही संयुक्त राष्ट्र ये कहना चाहता है कि नॉर्थ कोरिया ने अहर अपना परमाणु कार्यक्रम नहीं रोका तो हम उसे रोकेंगे।'
उन्होंने कहा, 'हमने वहां की सरकार को सही दिशा में काम करने के लिये समझाने की कोशिश की। हम अब उसे रोकने के लिये कदम उठा रहे हैं।'
हेली ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय वो कर रहा है जिससे उसे अपने परमाणु कार्यक्रम को चलाने के लिये पैसों की कमी हो।
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नॉर्थ कोरिया के साथ व्यापार पर रोक पहले से ही लगी हुई है और उसे सिर्फ तेल का निर्यात किया जाता था। प्रस्ताव के पारित होने के बाद हेली ने कहा कि नॉर्थ कोरिया अपने परमाणु कार्यक्रम को तेल के जरिये ही आगे बढ़ा रहा था।
लेकिन अब उसको किये जा रहे तेल के निर्यात में 30 फीसदी की कटौती कर दिये जाने से उसे गैस, डीज़ल औऱ भारी तेलों में 55 फीसदी से अधिक की कमी होगी।
उन्होंने कहा, 'प्रस्ताव के पारित होने प्राकृतिक गैस और तेल के दूसरे बाई प्रोडक्ट्स जिसका इस्तेमाल पेट्रोलियम के विकल्प के तौर पर इस्तेमाल किया जा सकता है उस पर रोक लगेगी। इससे उन्हें भारी नुकसान होगा।'
उन्होंने कहा, 'लेकिन हम सब जानते हैं कि ये कदम तभी प्रभावी होगा जब सभी देश मिलकर इसे लागू करेंगे।'
पिछले महीने लगाए गए प्रतिबंधों को मिला दिया जाए तो नॉर्थ कोरिया को होने वाले निर्यात में 90 फीसदी की कमी आएगी।
इस प्रस्ताव के पारित होने से नॉर्थ कोरिया की सरकार को विदेश में काम करने वाले अपने 93,000 नागरिकों से होने वाली आय पर भी रोक लग जाएगी। इन नागरिकों को विदेश में काम करने के लिये भेजा जाता है और उन पर भारी टैक्स लगाया जाता है।
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Source : News Nation Bureau