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Ayodhya case hearing: उमा भारती बोलीं- बाबर की मानसिकता वाले आज भी मौजूद

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है.

Updated on: 16 Oct 2019, 10:42 PM

नई दिल्ली:

सुप्रीम कोर्ट में अयोध्या मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. बताया जा रहा है कि 23 दिन में सुप्रीम कोर्ट इस मामले में ऐतिहासिक फैसला दे सकता है. हालांकि, इससे पहले बयानबाजी भी शुरू हो गई है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी की नेता उमा भारती ने बाबरी मस्जिद का पक्ष रखने वाले वकील पर बयान दिया है. उन्होंने वकील की हरकतों की निंदा करते हुए कहा कि आज भी देश के अंदर बाबर की मानसिकता वाले मौजूद हैं.

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बता दें कि पूर्व आईपीएस किशोर कुणाल ने अयोध्या विवाद पर अपना एक अलग अध्ययन किया है. उन्होंने साल 2016 में अयोध्या रिविजिटेड के नाम से एक किताब प्रकाशित की है. इसी किताब के कुछ हिस्से और साक्ष्यों के आधार पर रामजन्मभूमि के सटीक स्थान को बताने वाला नक्शा है. बुधवार को जब हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह ने दलीलों के दौरान सुप्रीम कोर्ट के सामने इस नक्शे को लाने की कोशिश की तो विवाद हो गया. इस किताब और नक्शे को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील राजीव धवन उखड़ गए.

इस पर मुस्लिम पक्ष की ओर से राजीव धवन ने कहा कि ऐसे कागजातों पर कैसे भरोसा किया जा सकता है. जब राम जन्मभूमि की सही जगह पर दूसरे दस्तावेजों के आधार पर कोर्ट में बहस हो चुकी है. इसी पर आगे बात बढ़ी तो राजीव धवन ने नक्शे को फाड़ दिए. यह देखकर कोर्टरूम में सभी सकते में आ गए. इस पर सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने नाराजगी जाहिर की.

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साथ ही सभी ने कोर्टरूम में राजीव धवन के इस व्यवहार को गलत बताया. हालांकि, राजीव धवन ने बाद में इस पर सफाई दी कि उन्हें तो बेंच ने ही कहा था कि अगर नक्शे को वो जरूरी नहीं समझते हैं, तो इसे फाड़ सकते हैं. इसलिए ऐसा किया गया.