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युक्रेन संकट: सुमि शहर में फंसे भारतीय छात्र बर्फ पिघलाकर कर रहे पीने के पानी का इंतजाम

युक्रेन संकट: सुमि शहर में फंसे भारतीय छात्र बर्फ पिघलाकर कर रहे पीने के पानी का इंतजाम

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IANS
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(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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यूक्रेन पर रूस के हमले के बीच, उत्तरपूर्वी शहर सुमी में फंसे भारतीय छात्र बर्फ को पिघला कर पानी का इंतजाम कर रहे हैं, साथ ही सरकार से मदद की गुहार भी लगा रहे हैं। शहर में करीब 800 से अधिक भारतीय छात्र फंसे होने की बात कही जा रही है। सुमि शहर में एक बड़े धमाके के बाद से बिजली और पानी की सप्लाई बंद हो गई है।

भारतीय छात्रों ने भगवान का शुक्रिया अदा किया क्योंकि बर्फबारी के कारण छात्रों ने उसे इखट्टा कर पानी का इंतजाम कर लिया है। इसके अलावा खाने के लिए एक भारतीय व्यक्ति ने ही शहर में इंतजाम किया हुआ है।

सुमि शहर में हो रही समस्याओं का जिक्र करते हुए गुजरात निवासी 22 वर्षीय मारिया मुनाफ ने आईएएनएस को बताया। वह सुमि स्टेट मेडिकल यूनिवर्सिटी की छात्रा हैं, उन्होंने मौजूदा हालात के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि, गुरुवार रात करीब 3 किलोमीटर की दूरी पर एक बड़ा धमाका हुआ, इस कारण बिजली गायब रही और खाना भी नहीं बना सके।

इसके अलावा पानी भी नहीं आ रहा है, लेकिन आज बर्फबारी हुई तो छात्र उत्साहित होकर इखट्टा कर रहे हैं ताकि उसे गर्म कर पानी का इंतजाम किया जा सके। फिर हमें यह भी पता लगा कि, पास में ही एक हैंड पंप भी है तो हम सभी सारा सामान उठा पानी भरने जा रहे हैं।

उन्होंने आगे बताया कि, भारतीय दूतावास को कई बार संपर्क कर चुके हैं लेकिन कोई जवाब नहीं मिल रहा है, लेकिन एक एजेंट के माध्यम से पता लगा कि रूस बॉर्डर पर एक बस तैयार खड़ी है। जो कि हमारी जगह से 48 किलोमीटर की दूरी पर है। लेकिन यह तभी संभव है जब दोनों देशों की ओर से ग्रीन कॉरिडोर खुला हो।

युक्रेन की ओर से ग्रीन कॉरिडोर नहीं खुला है, भारतीय दूतावास की ओर से भी इजाजत नहीं मिली है बॉर्डर पर निकलने के लिए।

भारतीय छात्रों में कई छात्रों को अस्थमा की बीमारी है, जिसके कारण उन्हें बहुत परेशानी हो रही है। कड़कड़ाती ठंड में बंकरों में बैठ कर मदद का इंतजार कर रहे हैं। यूक्रेन और रूस के बीच जंग का 9वां दिन है।

सूमी शहर से फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए रूस की सीमा करीब 60 किमी दूर है। वहीं, पोलैंड या रोमानिया के बार्डर तक पहुंचने के लिए इन छात्रों को कीव होकर ही गुजरना होगा, जहां लगातार मिसाइलों से हमले हो रहे हैं। सूमी पर भी हमले होने के कारण इन छात्रों को बंकरों में रहकर दिन गुजारने पड़ रहे हैं।

सूमी से इस बार्डर की दूरी लगभग 800 किमी है। इस रास्ते में जो भी शहर हैं, वहां लगातार रूसी सेना हमले कर रही है। हालांकि भारत सरकार लगातार दोनों देशों की सरकार से भारतीय नागरिकों को निकालने के लिए बातचीत कर रही है। साथ ही सरकार ने ऑपरेशन गंगा अभियान भी चलाया हुआ है, जिसके जरिये लगातार छात्रों को फ्लाइट की मदद से बाहर निकाला जा रहा है।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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