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ब्रिटेन हाईकोर्ट ने नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन खारिज की

नीरव मोदी ने पीएनबी की बार्टी हाउस शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी ऋणपत्रों के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है.

Updated on: 23 Jun 2021, 04:54 PM

highlights

  • नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन खारिज
  • प्रत्यर्पण से बचने के लिए लंदन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए आवेदन दिया था
  • लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में बंद है नीरव मोदी

नई दिल्ली:

ब्रिटेन के उच्च न्यायालय ने भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने के आवेदन को खारिज कर दिया, भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी ने प्रत्यर्पण से बचने के लिए लंदन हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील करने के लिए आवेदन दिया था. अप्रैल माह में ही ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने नीरव मोदी को भारत को प्रत्यर्पित करने के आदेश पर दस्तखत किए थे. नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का फैसला वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत के न्यायाधीश सैम गूजी के फरवरी में आए निर्णय के बाद आया था, जिसमें कहा गया था कि मोदी को भारतीय अदालत के समक्ष जवाब देना है और ब्रिटिश कानून के तहत प्रत्यर्पण पर रोक उनके मामले में लागू नहीं होता है. 19 मार्च, 2019 को लंदन में गिरफ्तारी के बाद से नीरव लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में बंद है, उन्हें यूके पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया था और जमानत के लिए उनके बार-बार आवेदनों को वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत और उच्च न्यायालय, लंदन ने खारिज कर दिया था.

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बता दें कि मामला नीरव मोदी की तीन कंपनियों, उसके अधिकारियों, पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के अधिकारियों की मिलीभगत से की गई बैंक धोखाधड़ी का है. नीरव मोदी ने पीएनबी की बार्टी हाउस शाखा के अधिकारियों के साथ मिलकर 11,000 करोड़ रुपये से अधिक फर्जी ऋणपत्रों के माध्यम से इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है. पीएनबी धोखाधड़ी मामले में नीरव मोदी के खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पीएनबी घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जांच पड़ताल कर रहा है. इसी केस में ब्रिटेन के गृह मंत्री ने जालसाजी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों पर भारत में वांछित हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी. इससे पहले लंदन की एक अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए नीरव मोदी के भारत प्रत्यर्पण पर सहमति जताई थी. साथ ही उसकी सभी दलीलों को खारिज करते हुए कहा था कि भारत की जेल में उसका ख्याल रखा जाएगा.