महाशिवरात्रि पर उज्जैन शहर में स्थित भगवान शिव का निवास प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर 21 लाख दीयों (मिट्टी के दीयों) से जगमगाएगा।
इस साल 1 मार्च को पड़ने वाली महाशिवरात्रि पर शाम 7 बजे शहर जगमगाएगा।
करीब एक घंटे तक सभी दीये जलाए जाएंगे। इसके लिए स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है।
शिप्रा नदी के माता मंदिर घाट से रामघाट तक 21 लाख मिट्टी के दीये जलाकर उज्जैन जिला प्रशासन इतिहास रचने की तैयारी कर रहा है।
प्रशासन शहर का नाम गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्डस और लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस में दर्ज कराने की योजना बना रहा है।
उज्जैन जिला प्रशासन के अनुसार विभिन्न स्थानों, घरों और प्रतिष्ठानों में तीन लाख मिट्टी के दीये लगाए जाएंगे। दीयों को जलाने के लिए 12,000 स्वयंसेवक लगेंगे। इसके लिए जिला पंचायत, शिक्षा विभाग, नगर निगम और स्मार्ट सिटी को जिम्मेदारी दी गई है।
उज्जैन के जिला कलेक्टर आशीष सिंह ने कहा कि शुरूआत में 15 लाख दीयों को रोशन करने की योजना थी लेकिन लोगों के उत्साह को देखते हुए संख्या बढ़ाकर 21 लाख कर दी गई।
सिंह ने दावा किया कि शिप्रा नदी के तट पर एक हजार दीये लगाकर पूर्वाभ्यास किया गया। सिंह ने कहा, एक व्यक्ति लगभग 100 दीये जला सकता है। विभिन्न घाटों पर बारह लाख दीये, महाकाल मंदिर में 51,000, फ्रीगंज टावर में एक लाख, मंगलनाथ, चिंतामन, कालभैरव, भुखी माता, हरसिद्धि मंदिर सहित अन्य मंदिरों में रोशनी की जाएगी।
इस पूरी कवायद पर करीब 40 लाख रुपये खर्च होने का अनुमान है।
राज्य में लगभग 1,500 तेल के केन का उपयोग किए जाने की संभावना है।
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Source : IANS