भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने उन ख़बरों को ख़ारिज किया है जिसमें कहा गया था कि आधार डेटा को कोई भी आसानी से हैक कर सकता है।
UIDAI ने आधार कार्ड धारकों से जुड़ी जानकारियां चोरी होने की ताजा खबरों को खारिज करते हुए कहा कि उसके डेटाबेस में कोई सेंध नहीं लगी है।
इससे पहले प्रौद्योगिकी से जुड़े एक पोर्टलजैड डीनेट ने एक सुरक्षा शोधकर्ता के हवाले से दावा किया था कि एक सरकारी कंपनी की प्रणाली कथित तौर पर आधार कार्ड धारकों से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक कर रही है।
प्राधिकरण ने बयान जारी करते हुए कहा, 'इस कहानी में कोई सच्चाई नहीं है और प्राधिकरण के डेटाबेस में किसी तरह की सेंध नहीं लगी है। आधार सुरक्षित बना हुआ है।'
प्राधिकरण ने जानकारियों की चोरी के दावे को पूरी तरह आधारहीन, ग़लत और गैर-जिम्मेदार बताया है।
प्राधिकरण ने कहा, 'UIDAI मीडिया में चल रही उन खबरों को खारिज करता है जो जैडडीनेट पोर्टल की रिपोर्ट पर आधारित हैं तथा जिनमें खुद को सुरक्षा शोधकर्ता बता रहे किसी आदमी के हवाले से कहा जा रहा है कि एक सरकारी कंपनी के तंत्र में खामी है और इसके जरिये काफी आधार कार्ड धारकों की जानकारियों में सेंध लगायी जा सकती है।'
UIDAI ने ट्वीटर पर भी इस बारे में जानकारी दी है।
उसने कहा कि यदि खबरों को सही भी मान लिया जाए तो सुरक्षा संबंधी दिक्कतों को लेकर उस यूटिलिटी कंपनी के तंत्र पर सवाल उठने चाहिए। उसने कहा, इसका प्राधिकरण के आधार डेटाबेस की सुरक्षा से कुछ लेना- देना नहीं है।
प्राधिकरण ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के पास आपका आधार कार्ड संख्या होना कार्ड धारक की सुरक्षा के लिए कोई खतरा नहीं है और इससे वित्तीय या किसी तरह की धोखाधड़ी का भी रास्ता नहीं खुलता है। ऐसा इसलिये क्योंकि कोई भी लेन- देन कार्ड धारक की ऊंगलियों के निशान, आंखों की पुतलियां या वन टाइम पासवर्ड के बिना संभव नहीं है।
प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अजय भूषण पांडेय ने इस सप्ताह की शुरुआत में उच्चते न्यायालय में सरकार की आधार योजना के बचाव में पावरप्वायंट प्रस्तुति दी थी।
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Source : News Nation Bureau