महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो पालघर जिले में भीड़ द्वारा तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किये जाने के मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं. प्रदेश सरकार ने 16 अप्रैल को हुई इस वारदात में पहले ही उच्च स्तरीय जांच के आदेश दे दिये हैं. राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने मामले को किसी भी तरह के सांप्रदायिक नजरिये से देखे जाने के खिलाफ चेतावनी दी थी क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि मारे गए तीन लोगों में से दो साधु थे.
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ठाकरे ने एक वीडियो संदेश में कहा कि सोमवार को उन्हें अमित शाह का फोन आया था और उन्होंने खुद मामले में किसी तरह के सांप्रदायिक पहलू के नहीं होने की बात कही थी. ठाकरे ने कहा, “मैंने उनसे उन लोगों पर कार्रवाई करने के लिये अनुरोध किया जो पालघर भीड़ हत्या मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं, जो तथ्यात्मक रूप से गलत है. मैंने उन्हें यह भी बताया कि मेरी सरकार निश्चित रूप से षड्यंत्रकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने जा रही है.”
मुख्यमंत्री ने पहले कहा था कि तीन लोगों की भीड़ द्वारा हत्या के मामले में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि पुलिस महानिरीक्षक (सीआईडी) अतुलचंद्र कुलकर्णी भीड़ हत्या के इस मामले की जांच का नेतृत्व करेंगे. ठाकरे ने कहा कि भीड़ द्वारा तीन लोगों की पीट-पीटकर की गई हत्या का मामला अफवाह का लगता है और इस घटना की कोई सांप्रदायिक पृष्ठभूमि नहीं है.
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उन्होंने कहा, “जानकारी के मुताबिक बंद के दौरान साधु गुजरात के सूरत जा रहे थे. दादरा और नगर हवेली पुलिस ने उन्हें रोका और वापस महाराष्ट्र भेज दिया.” मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने गढ़चिंदहली गांव से गुजरने वाले अंदरुनी रास्ते को चुना जो पालघर जिले से 110 किलोमीटर दूर है, यहां स्थानीय लोगों ने उन्हें बच्चा चुराने वाले गिरोह का सदस्य समझकर रोका. उन्होंने कहा कि भीड़ द्वारा पुलिस की गाड़ी पर भी हमला किया गया. उन्होंने कहा कि जिस गांव में हमला हुआ वह दादरा नागर हवेली की सीमा से महज कुछ किलोमीटर दूर है. उन्होंने कहा, “5 मुख्य आरोपियों समेत पालघर से अबतक 110 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
कर्तव्य में लापरवाही बरतने पर दो पुलिसवालों को निलंबित किया गया है.” ठाकरे ने कहा कि कुल आरोपियों में से नौ नाबालिग हैं और उन्हें रिमांड होम में भेज दिया गया है. उन्होंने कहा, “मैंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भी जानकारी दी है जिन्होंने इस घटना के बारे में जानने के लिये फोन किया था.” उन्होंने कहा, “इस जघन्य और शर्मनाक कृत्य के किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाएगा और कानून उन्हें सख्त से सख्त सजा देगा.”
देशमुख ने कहा कि हमलावर और पालघर भीड़ हत्या में मारे गए लोग अलग-अलग धर्मों के नहीं थे. उन्होंने रविवार को एक ट्वीट में कहा, “मैंने महाराष्ट्र पुलिस और @महासाइबर1 को आदेश दिया है कि समाज या सोशल मीडिया में सांप्रदायिक नफरत को भड़काने वाले किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई करें.” उन्होंने कहा, “पुलिस ने पालघर में सूरत जा रहे तीन लोगों की हत्या में शामिल 101 लोगों को हिरासत में लिया है.
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मैंने इन हत्याओं की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिये हैं.” देशमुख ने कहा कि पुलिस की नजर उन लोगों पर है जो इस घटना का इस्तेमाल समाज में दरार पैदा करने के लिये करना चाहते हैं. इस मामले में पालघर के एक सहायक पुलिस निरीक्षक और एक उप निरीक्षक को सोमवार को लापरवाही बरतने पर निलंबित कर दिया गया है.
जिले में 16 अप्रैल की रात गुजरात के सूरत जा रहे मुंबई में कांदिवली के रहने वाले तीन लोगों की भीड़ ने पीट-पीटकर हत्या कर दी थी. उनके वाहन को एक गांव के पास रोका गया था. उनके चोर होने के शक में भीड़ ने उन्हें उनकी कार से निकालकर लाठियों से पीट-पीटकर मार डाला था. मृतकों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और वाहन चालक निलेश तेलगाडे (30) के तौर पर हुई है.