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'उद्धव की राहुल गांधी से तुलना वाला बयान ओवैसी को उकसाने वाला'

महाराष्ट्र विधानसभा में सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackery) द्वारा भाषण दिए जाने के अगले दिन गुरुवार को जब भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने मुख्यमंत्री की तुलना कांग्रेस नेता राहुल गांधी से की.

Updated on: 04 Mar 2021, 11:16 PM

मुंबई:

महाराष्ट्र विधानसभा में सीएम उद्धव ठाकरे (CM Uddhav Thackery) द्वारा भाषण दिए जाने के अगले दिन गुरुवार को जब भारतीय जनता पार्टी के एक नेता ने मुख्यमंत्री की तुलना कांग्रेस नेता राहुल गांधी से की, तब एक कांग्रेसी ने दावा किया कि "यह बयान एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी को उकसाने का काम करेगा." कांग्रेस नेता संजय निरूपम ने भाजपा नेता के बयान निंदा की. उन्होंने कहा कि अयोध्या में विवादित ढांचा (बाबरी मस्जिद) गिराए जाने पर ठाकरे ने गर्व किया था. निरूपम ने सवाल किया, "जब उद्धव बाबरी मस्जिद विध्वंस का जश्न मना रहे थे, तब कांग्रेस और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के मंत्री और सदस्य उनके भाषण का आनंद ले रहे थे। क्या यह (मुख्यमंत्री का भाषण) ओवैसी के जहरीले पौधे उगाने के लिए पर्याप्त उर्वरक नहीं है?"

ठाकरे के इस बयान को खारिज करते हुए कि केंद्र किसानों के विरोध को रोकने के लिए सड़कों पर कील ठोंक रही है, भाजपा नेता और मुंबई से विधायक अतुल भटकलकर ने सीमाओं की रक्षा कर रहे भारतीय सैनिकों का अपमान करने के लिए मुख्यमंत्री की कड़ी आलोचना की.

भटकलकर ने कहा, "उद्धवजी महाराष्ट्र के राहुल गांधी बन गए हैं. मुख्यमंत्री को सैनिकों के खिलाफ उनके अपमान के लिए देश से माफी मांगनी चाहिए. जनता उन्हें निश्चित रूप से इस राहुल गांधी-गीरी के लिए सबक सिखाएगी." गुरुवार को विधानसभा में भाजपा के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंतीवार ने चेतावनी दी कि विभिन्न मोचरें पर अपनी कथित विफलताओं के लिए राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने पर एमवीए को फिर रोना नहीं चाहिए.

बंगाल चुनाव में शिवसेना नहीं उतारेगी अपने प्रत्याशी, देगी ममता को समर्थन

शिवसेना ने पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अपने प्रत्याशी न उतारने और तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी का समर्थन करने फैसला किया है. शिवसेना सांसद और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि चूंकि पश्चिम बंगाल के चुनाव दीदी बनाम ऑल (ममता बनाम बाकी सभी) की तरह हो रहे हैं, ऐसे में शिवसेना ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है, लेकिन पार्टी मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एकजुटता से खड़ी रहेगी. उन्होंने स्पष्ट किया कि शिवसेना अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया है.

संजय राउत ने अपने बयान में कहा कि बहुत सारे लोगों को यह जानने की जिज्ञासा है कि क्या शिवसेना पश्चिम बंगाल में विधानसभा का चुनाव लड़ेगी या नहीं? पार्टी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के साथ बैठक में इस बारे में जो फैसला लिया गया है, वो मैं आपको बता देता हूं. इस समय पश्चिम बंगाल में जो सियासी हालात हैं, उसे देखकर लगता है कि चुनावी जंग में एक तरफ दीदी और दूसरी तरफ बाकी सब हैं.