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मोदी सरकार ने राज्‍यसभा में एक बार फिर दिखाया दम, UAPA Bill 2019 भी पास

इससे पहले यूएपीए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्‍ताव राज्‍यसभा में गिर गया. सरकार के पक्ष में 104 तो विपक्ष के पक्ष में 85 वोट पड़े.

Updated on: 02 Aug 2019, 02:46 PM

highlights

  • 1952 में एक सत्र में पास किए गए थे 28 बिल
  • UAPA बिल के रूप में इस सत्र में 29वां बिल पास
  • मोदी सरकार ने तोड़ा पंडित नेहरू की सरकार का रिकॉर्ड 

नई दिल्‍ली:

मोदी सरकार को राज्‍यसभा में शुक्रवार को एक और बड़ी सफलता हाथ लगी, जब बहुमत न होने के बाद भी यूएपीए बिल 2019 (विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण संशोधन विधेयक 2019) पास हो गया. बिल के पक्ष में 147 तो विपक्ष में 42 वोट पड़े. इससे पहले यूएपीए बिल को सेलेक्ट कमेटी में भेजने का प्रस्‍ताव राज्‍यसभा में गिर गया. सरकार के पक्ष में 104
तो विपक्ष के पक्ष में 85 वोट पड़े. बजट सत्र में यह 29वां बिल है, जिसे मोदी सरकार ने पास कराया है. इससे पहले 1952 में एक सत्र में रिकॉर्ड 28 विधेयक पास किए गए थे. इस तरह मोदी सरकार ने पंडित जवाहरलाल नेहरू की सरकार का रिकॉर्ड तोड़ दिया है.

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इससे पहले गृह मंत्री अमित शाह ने यूएपीए बिल को राज्‍यसभा में पेश करते हुए कहा- सबूतों के अभाव में आतंकियों को छूट नहीं मिलनी चाहिए. उन्‍होंने कहा कि इस कानून से किसी के मानवाधिकार उल्‍लंघन का सवाल ही नहीं उठता. इसमें 4 स्‍तरों पर अपील का अधिकार है. उन्‍होंने बिल पर सदन को एकजुट होने और आतंकवाद के खिलाफ सख्‍त संदेश देने की अपील की.

अमित शाह ने राज्‍यसभा में कहा, आपातकाल के दौरान सभी जानते हैं कि क्‍या हुआ था? सभी मीडिया संस्‍थानों पर प्रतिबंध लगा दिया गया था. सभी विपक्षी नेताओं को जेल में डाल दिया गया. 19 महीने तक लोकतंत्र नहीं था. इसलिए आप हम पर कानूनों का दुरुपयोग करने का आरोप लगा रहे हैं? कृपया अपने अतीत को देखें?

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अमित शाह ने विपक्ष से विधेयक का समर्थन करने की अपील करते हुए कहा- समय के साथ एजेंसियों को मजबूत करने की जरूरत है. जब कांग्रेस की सरकार थी और संशोधन विधेयक पेश हुए थे, तब हमने भी समर्थन किया था. आतंकवाद को लेकर किसी का साथ नहीं दिया जा सकता. इस समय आतंकवाद के खिलाफ मजबूत कानून की जरूरत है.

उन्होंने कहा, यह कानून एकमत से अगर हम पारित करें तो एजेंसियों के लिए यहां से अच्‍छा संदेश जाएगा. इसके अलावा आतंकवाद के मुद्दे पर भी यह संदेश जाएगा कि यह सदन एकजुट है.

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बिल पेश करते हुए उन्होंने कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह पर भी तंज कसा. उन्होंने कहा, 'दिग्विजय सिंह नाराज लग रहे हैं. लाजमी भी है क्योंकि अभी-अभी वो चुनाव भी हारे हैं. उन्होंने कहा एनआईए के 3 मामलों में किसी को भी सजा नहीं हुई', क्‍योंकि इनमें राजनीतिक प्रतिशोध के तहत कार्रवाई की गई थी.