जिला अस्पताल में एक फर्जीवाड़ा सामने आया है। इसके मुताबिक जिला अस्पताल में बेडशीट की जगह वेंडर ने कफन भेज दिया था। जिला अस्पताल इंचार्ज मुख्य चिकित्सा अधीक्षक ने रिकवरी नोटिस जारी किया है। मामले का खुलासा तब हुआ जब अस्पताल कर्मचारी ने नई बेडशीट के लिए स्टॉक खोला। 6 फीट के बेड पर जब बेडशीट को फैलाया गया, तो वह 5 फीट की ही मिली।
मिली जानकारी के मुताबिक यह मामला कोरोना की तीसरी लहर से पहले का बताया जा रहा है। उस समय जिला अस्पताल सेक्टर 30 में संचालित हो रहा था। उस वक्त मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के पद पर डॉ़ सुषमा चंद्रा तैनात थीं, जो अब सेवानिवृत्त हो चुकी हैं। जबकि स्टोर इंचार्ज का तबादला हो चुका है।
छानबीन में पता चला कि वेंडर ने अस्पताल को करीब 1000 चादरे सप्लाई की थीं। नोएडा के सेक्टर 30 से पुराना अस्पताल महज 100 बेड का था। इसीलिए कभी भी चादरों के नए स्टॉक को इस्तेमाल करने की जरूरत नहीं पड़ी। लेकिन जब से यह अस्पताल सेक्टर 39 में शिफ्ट हो गया है, तो यहां पर बेड की संख्या 240 हो गई है। शुक्रवार को जब 100 बेडशीट का स्टॉक अस्पताल के स्टाफ को दिया गया और उसने जब उसे 6 फीट के बेड पर बिछाया तो वो महज 5 फीट की मिली। स्टाफ ने तुरंत मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को इसकी जानकारी दी। जब इसकी जांच की गई तो पता चला कि 1000 बेडशीट के सप्लाई के एवज में 3 लाख से ज्यादा का भुगतान किया गया है। इसके बाद लखनऊ के वेंडर को 3 लाख की रिकवरी का नोटिस जारी करने का निर्देश दिया गया हैं।
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Source : IANS