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सछ्वान प्रांत में ई जाति के अबुलोहा गांव का नया जीवन

सछ्वान प्रांत में ई जाति के अबुलोहा गांव का नया जीवन

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IANS
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सछ्वान प्रांत

(source : IANS)( Photo Credit : (source : IANS))

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अबुलोहा गांव दक्षिण पश्चिमी चीन के सछ्वान प्रांत के ल्यांगशान ई जातीय स्वायत्त प्रिफेक्चर में स्थित है। ई जाति की भाषा में अबुलोहा का अर्थ पहाड़ों में गहरी घाटी और जनहीन स्थान है। अतीत में गाँव से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता चट्टान पर पगडंडी से होकर था, और खड़ी चट्टान की दीवार के साथ टाउनशिप तक पहुंचने में तीन या चार घंटे लगते थे। बहुत से लोग अपने पूरे जीवन में कभी गांव नहीं छोड़ते थे।

साल 1995 में पैदा हुए चील्ये त्सीरी अबुलोहा गांव से बाहर निकलने वाले पहले कॉलेज छात्र थे। उन्होंने कहा कि बाहरी दुनिया ने उनके जीवन के लिए एक दरवाजा खोल दिया है, और वह इस दरवाजे को ज्‍यादा से ज्‍यादा गांव वासियों के लिए खोलना चाहते हैं। साल 2017 में गांव को जल्द से जल्द गरीबी से छुटकारा दिलाने में मदद करने के लिए चील्ये त्सीरी अपने जन्मस्थान अबुलोहा गांव वापस लौटे। वह सीपीसी सदस्य हैं, और उन्हें गांव का मुखिया चुना गया।

चील्ये त्सीरी गांव वासियों का नेतृत्व कर केले और संतरे उगाने, पारिस्थितिक मुर्गियां और काली बकरियां पालने लगे। परिणामस्वरूप, धीरे-धीरे गांव वासियों के जीवन में सुधार हुआ। लेकिन चील्ये त्सीरी ने गहराई से महसूस किया कि चाहे गांव में उद्योग का विकास करना चाहते हों, शिक्षा का विकास करना चाहते हों, या चिकित्सा देखभाल में सुधार करना चाहते हों; असुविधाजनक परिवहन इनमें बाधा बन रही है।

जून 2020 में चील्ये त्सीरी के समन्वय के तहत अंततः अबुलोहा के गांव वासियों के दरवाजे तक 3.8 किलोमीटर की पक्की सड़क बनाई गई। सड़क बनने के बाद, चीजों का लोगों और घोड़ों के पीठ पर ले जाना इतिहास बन गया। ग्रामीणों के लिए गांव से निकटतम बस्ती तक यात्रा का समय घटकर 30 मिनट रह गया। गांव का विकास तेजी से हो रहा है और ग्रामीणों का जीवन बेहतर से बेहतर होता जा रहा है।

अब अबुलोहा गांव का अपना किंडरगार्टन और प्राइमरी स्कूल है। गांववासी विशिष्ट रोपण और पशुपालन उद्योग विकसित कर रहे हैं, और उन्होंने ई-कॉमर्स के माध्यम से बिक्री का विस्तार करना भी सीख लिया है।

वर्तमान में गांव में बीएंडबी होटल और सितारा शिविर का निर्माण किया गया। कई ग्रामीण पर्यटन परियोजनाओं का विकास किया गया। कृषि और पर्यटन का एकीकरण अबुलोहा गांव के भविष्य के विकास का एक नया तरीका बन गया है।

चील्ये त्सीरी ने कहा, अतीत में केवल हम ही खूबसूरत तारों वाला आकाश देख सकते थे। भविष्य में, हम इसे एक साथ देखने के लिए और अधिक लोगों को आमंत्रित करना चाहते हैं। उन्हें आशा है कि अधिक युवा लोग अपने गृहनगर लौट सकेंगे, और अवसरों की तलाश में गांव में नई शक्ति का संचार करेंगे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.

Source : IANS

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