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पीएम मोदी ने 8 नवंबर को की थी नोटबंदी की घोषणा और अब नये साल की पूर्व संध्या पर एक और भाषण, जानिए क्या है अंतर

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी खासियत है की वह अच्छे वक्ता हैं। समय और परिस्थिति का रंग उनके भाषणों में दिखता है।

Updated on: 01 Jan 2017, 10:48 AM

नई दिल्ली:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बड़ी खासियत है की वह अच्छे वक्ता हैं। समय और परिस्थिति का रंग उनके भाषणों में दिखता है। 8 नवंबर (नोटबंदी का ऐलान) के राष्ट्र के नाम संबोधन और शनिवार के संबोधन में इसी तरह का अंतर देखने को मिला। 8 नवंबर के भाषण के केंद्र में सिर्फ भ्रष्टाचारी, कालाधन रखने वाले, आतंकवादी, नकली नोटों को संरक्षण देने वाले थे। जबकि उसके ठीक 50 दिन बाद दिये गये भाषण के केंद्र में भ्रष्टाचारी और आम लोग थे।

पीएम का यह भाषण खास माना जा रहा था क्योंकि वह नोटबंदी के बाद पहली बार देश को संबोधित कर रहे थे। उनके एक-एक शब्द पर लोगों की निगाहें थी। उम्मीद जताई जा रही थी कि कालेधन को रोकने के लिए नोटबंदी की तरह 'बेनामी संपत्ति' पर पीएम बड़ा ऐलान कर सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

शनिवार को दिये गये भाषण में उन्होंने पहले तो भ्रष्टाचारियों को चेतावनी दी फिर आम लोगों के लिए लोकलुभावन घोषणाएं की। उन्होंने कहा, 'भ्रष्टाचार के खिलाफ उनकी इस मुहिम में कोई कमी नहीं आयेगी। सौ साल पहले महात्मा गांधी ने सत्याग्रह छेड़ा था वैसा ही सत्याग्रह भ्रष्टाचार जैसे नासूर के खिलाफ छेड़ने की ज़रूरत है। सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ सख्त से सख्त कदम उठायेगी। ऐसे लोगों को बख्शा नहीं जायेगा।'

दरअसल जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट पर प्रतिबंध की घोषणा की तो साफ हो गया था की आम लोगों की मुश्किलें बढ़ने वाली है और हुआ भी वही। पीएम मोदी ने भी कहा था कि 50 दिनों तक परेशानी रहेगी। नकदी की कमी के कारण कथित तौर पर कई लोगों को जान भी गंवानी पड़ी। वहीं भ्रष्टाचारियों पर भी आयकर विभाग, ईडी और स्थानीय पुलिस ने कार्रवाई की।

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नोटबंदी से हुई परेशानी का अंदाजा पीएम को था उन्होंने लोगों को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि ईमानदारों को ईनाम मिलेगा भ्रष्टाचारियों को बख्शा नहीं जाएगा।

प्रधानमंत्री ने नोटबंदी टॉपिक से आगे बढ़ते ही नये साल से पहले करोड़ो देशवासियों को खुशखबरी दी। उन्होंने महिलाओं, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों, किसानों और छोटे कारोबारियों के लिए कई बड़े ऐलान किए और भ्रष्टाचारियों को एक बार फिर चेतावनी दी।

प्रधानमंत्री की घोषणाओं में फरवरी में पेश होने वाले बजट की झलक दिखी। अंदाजा लगाया जा रहा है कि अरुण जेटली जब बजट पेश करेंगे तो उनकी प्रमुखता में नोटबंदी का नुकसान झेल रहे छोटे व्यापारी, किसान ही रहेंगे।

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पांच राज्यों (उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, मणिपुर और पंजाब) में होने वाले आगामी विधानसभा चुनाव के ख्याल से भी पीएम मोदी का ऐलान अहम है। पीएम ने कहा कि निम्न वर्ग के लिए कहा, '2017 में गांवों में रहने वाले जो लोग अपने घर का निर्माण करना चाहते हैं या जो अपने पुराने घर में विस्‍तार करना चाहते हैं, उन्‍हें 2 लाख रुपये तक के कर्ज में 3 प्रतिशत ब्‍याज की छूट दी जाएगी।'

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किसानों को नये साल की सौगात देते हुए पीएम ने कहा, 'डिस्ट्रिक्ट कॉपरेटिव सेंट्रल बैंक और प्राइमरी सोसायटी से जिन किसानों ने खरीफ और रबी की बुवाई के लिए कर्ज लिया था उस कर्ज के 60 दिन का ब्याज सरकार वहन करेगी और किसानों के खातों में ट्रांसफर करेगी।

पीएम मोदी ने कहा, 'गर्भवती महिलाओं को 6 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, जो सीधे उनके खाते में जाएगी।'