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गोएयर की दो उड़ानों को किया गया डायवर्ट, तकनीकी खराबी बना कारण

गोएयर की उड़ानों को इंजन में तकनीकी खराबी के कारण दिल्ली और श्रीनगर की ओर मोड़ दिया गया. मुंबई से लेह के लिए गोएयर ए320 विमान वीटी-डब्ल्यूजीए उड़ान जी8-386 को दिल्ली की ओर मोड़ दिया गया.

Updated on: 19 Jul 2022, 05:22 PM

नई दिल्ली:

भारतीय नागरिक विमानों में तकनीकी खराबी की घटना थमने का नाम नहीं ले रही है. मंगलवार को दो अलग-अलग मामलों में, गोएयर की उड़ानों को इंजन में तकनीकी खराबी के कारण दिल्ली और श्रीनगर की ओर मोड़ दिया गया. मुंबई से लेह के लिए गोएयर ए320 विमान वीटी-डब्ल्यूजीए उड़ान जी8-386 को दिल्ली की ओर मोड़ दिया गया और श्रीनगर से दिल्ली जाने वाले गोएयर ए320 विमान वीटी-डब्ल्यूजेजी उड़ान जी8-6202 को इंजन में ईजीटी ओवर-लिमिट के कारण वापस श्रीनगर भेज दिया गया.

इंजन नंबर 2 में ईआईयू (इंजन इंटरफेस यूनिट) की खराबी के कारण पहले विमान को दिल्ली की ओर डायवर्ट किया गया था. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) घटनाओं की जांच कर रहा है और दोनों विमानों को रोक दिया गया है और जब नियामक द्वारा मंजूरी दी जाएगी तभी वह उड़ान भरेंगे.

पिछले कुछ दिनों में कई भारतीय वाहकों के विमानों में कई तकनीकी खराबी के कारण उड़ानों को डायवर्ट किया गया है. सूत्रों ने कहा कि उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने सोमवार को प्रत्येक एयरलाइन से कहा कि वे सभी आवश्यक कदम उठाएं जो सुरक्षा निरीक्षण को तेज करने के लिए आवश्यक हैं.

पिछले कुछ दिनों में विमानों में तकनीकी खराबी से संबंधित घटनाओं की एक श्रृंखला के बाद, डीजीसीए ने सोमवार को कहा कि बेस और ट्रांजिट स्टेशनों पर सभी विमानों को उनके संगठन द्वारा उपयुक्त प्राधिकरण के साथ लाइसेंस रखने वाले कर्मचारियों को प्रमाणित करके जारी किया जाना चाहिए.

हर उड़ान से पहले तय नियमों के तहत जहाज की हो पूरी जांच-DGCA

डीजीसीए ने पिछले कुछ समय से लगातार उड़ान के दौरान हवाई जहाजों में आ रही खराबी को लेकर सख्त रुख अपनाया है. डीजीसीए ने सभी विमान कंपनियों को 28 जुलाई तक का वक्त देते हुए कहा है कि हर उड़ान से पहले तय नियमों के तहत जहाज की पूरी तरह से जांच होनी चाहिए. अगर इसमें किसी भी तरह की कोई भी दिक्कत है, तो उसे 28 जुलाई तक दूर कर लिये जाएं. डीजीसीए ने इस बात को लेकर हैरानी जताई है कि एयरलाइन कंपनियां लगातार होते हादसों का पता नहीं लगा पा रही हैं. बता दें कि स्पाइसजेट और इंडिगो की फ्लाइटों में दिक्कतें सामने आ चुकी हैं. यहां तक कि इंटरनेशनल उड़ानों को कराची तक में लैंड होना पड़ा है. 

केंद्रीय मंत्री के साथ बैठक के बाद जारी हुए दिशा-निर्देश

जानकारी के मुताबिक, डीजीसीए ने इन दिक्कतों को देखते हुए स्पॉट चेकिंग की तो कई कमियां नजर आईं. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, डीजीसीए को पता चला कि एयरलाइंस कंपनियों की तरफ से विमानों में खराबियों का पता लगाने में चूक हो रही है और हवाई अड्डों पर क्वालिफाइड इंजीनियरों की तैनाती नहीं की जा रही है. ऐसे में डीजीसीए ने कहा कि 28 जुलाई तक विमान कंपनियां इन समस्याओं से निपट लें, वर्ना वो कड़ा कदम उठाने से हिचकेगी नहीं. ये निर्देश विमानों की सुरक्षा को लेकर केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की एयरलाइंस के बड़े अधिकारियों के साथ हुई बैठक के बाद सोमवार को जारी किए गए.

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हाल ही में, इंडिगो की शारजाह-हैदराबाद उड़ान को एहतियात के तौर पर कराची की ओर मोड़ दिया गया था, क्योंकि पायलटों ने एक इंजन में खराबी देखी थी. शनिवार की रात, एयर इंडिया एक्सप्रेस की कालीकट-दुबई उड़ान को केबिन के बीच हवा में जलने की गंध के बाद मस्कट के लिए डायवर्ट किया गया था. एक दिन पहले एयर इंडिया एक्सप्रेस बहरीन-कोच्चि फ्लाइट के कॉकपिट में एक जिंदा पक्षी मिला था.

विमान कंपनियां सुरक्षा की कर रहीं अनदेखी

डीजीसीए ने कहा है कि यह भी देखने में आया है कि ट्रांजिट और छोटे स्टेशनों पर एयरलाइंस कैटिगरी ए सर्टिफाइड स्टाफ से ही विमानों को उड़ान के लिए फिट घोषित करा लेती हैं जबकि ये नियम के खिलाफ है. इसे देखते हुए डीजीसीए ने आदेश दिया है कि सभी बेस और ट्रांजिट स्टेशनों पर सभी विमानों को तभी रिलीज किया जाएगा, जब बी1/बी2 लाइसेंस धारी एयरक्राफ्ट मेंटिनेंस इंजीनियर (AME) जांच के बाद उसे सर्टिफाई करेगा. विमान कंपनियों से इस निर्देश का 28 जुलाई तक पालन करने को कहा गया है.