पश्चिम बंगाल में कोरोना वायरस (Corona virus) से हुई मौतों पर तृणमूल कांग्रेस और भाजपा (BJP) में ट्विटर पर जुबानी जंग छिड़ गई. भाजपा सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष अमित मालवीय ने राज्य सरकार पर संक्रमण के मामलों की जानकारी ‘छुपाने’ का आरोप लगाया जिस पर सत्ताधारी दल तृणमूल ने जवाब देते हुए कहा कि “फर्जी खबरों को फैलाने में पीएचडी हासिल कर चुके व्यक्ति को आंकड़ों की प्रमाणिकता पर ट्वीट नहीं करना चाहिए.”
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार बंगाल हालांमें अब तक कोविड-19 के 80 मामलों की पुष्टि हुई है और तीन व्यक्तियों की मौत हुई है. हालांकि गैर सरकारी सूत्रों के अनुसार संक्रमण के कारण दस लोगों की मौत हो चुकी है. भाजपा के वरिष्ठ नेता और सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के मुखिया अमित मालवीय ने ट्वीट की एक श्रृंखला में सोमवार को आरोप लगाया कि ममता बनर्जी सरकार कोविड-19 के मामलों के संबंध में आंकड़े छुपा रही है.
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मालवीय ने ट्वीट किया, “ममता बनर्जी क्या छुपा रही हैं? बंगाल सरकार की ओर से दो, तीन और पांच अप्रैल को कोई मेडिकल बुलेटिन जारी नहीं किया गया. आश्चर्यजनक रूप से चार अप्रैल को जारी हुए बुलेटिन में कोविड-19 से हुई मौतों का कोई जिक्र नहीं था. इसके साथ ही यह भी जानिए की ममता प्रशासन ने कोविड-19 से होने वाली मौतों का कारण पता करने के लिए समिति बनाने का आदेश दिया है.”
मालवीय ने अपने ट्विटर हैंडल पर लिखा, “बंगाल में अस्पताल प्रशासन ममता बनर्जी के दबाव में काम कर रहे हैं. उन पर कोविड-19 के मामलों की जांच नहीं करने का दबाव है. डॉक्टरों से कहा गया है कि वे कोरोना वायरस से मरने वाले मरीजों के मृत्यु प्रमाण पत्र में मौत का कारण कोरोना वायरस न लिखें.” इसका जवाब देते हुए वरिष्ठ तृणमूल नेता और लोक सभा सदस्य काकोली घोष दस्तीदार ने कहा कि मालवीय को आंकड़ों की प्रमाणिकता की बात करना शोभा नहीं देता.
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दस्तीदार ने ट्वीट किया, “जब भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी प्रकोष्ठ के सीईओ और फर्जी खबर फैलाने में पीएचडी हासिल करने वाले आंकड़ों की प्रमाणिकता पर ट्वीट करते हैं तो ऐसा लगता है जैसे कोविड-19 सामाजिक दूरी बनाने की बात कर रहा हो और आप पर लॉकडाउन के नियमों को तोड़ने का आरोप लगा रहा हो.” एक अन्य वरिष्ठ तृणमूल कांग्रेस नेता ने नाम नहीं बताने की शर्त पर कहा कि संकट के इस समय में मालवीय को मुद्दों का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.
Source : Bhasha