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ट्विटर ने जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा बताया, भड़के लोग

ट्विटर इंडिया ने टाइमलाइंस पर जम्मू एवं कश्मीर को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा बता कर एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है.

Updated on: 19 Oct 2020, 10:38 AM

नई दिल्ली:

ट्विटर इंडिया ने टाइमलाइंस पर जम्मू एवं कश्मीर (Jammu Kashmir) को पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (China) का हिस्सा बता कर एक बड़ा विवाद पैदा कर दिया है. इस मामले को ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के फेलो कंचन गुप्ता ने उठाया. उन्होंने पाया कि ट्वीट्स में जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा बताया जा रहा है. इसके बाद केंद्रीय सरकार से ट्विटर इंडिया के खिलाफ कार्रवाई की मांग करनी शुरू कर दी है. इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी ट्विटर के खिलाफ कमेंट्स ट्रोल करने लगे हैं. 

'ट्विटर ने बदला भूगोल'
गुप्ता ने ट्वीट किया, 'ट्विटर ने अब भूगोल बदलने का फैसला कर लिया है और जम्मू-कश्मीर को चीन का हिस्सा घोषित कर दिया है. यह भारतीय कानूनों का उल्लंघन नहीं है तो क्या है? क्या अमेरिकी कंपनी कानून से ऊपर है?' गुप्ता ने टेलीकॉम एवं आइटी मंत्री रवि शंकर प्रसाद को टैग किया है. कई इंटरनेट यूजर्स ने भी सरकार से संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया के खिलाफ कदम उठाने की अपील की है. कई नेटिजंस ने प्रसाद और सरकार से ट्विटर इंडिया के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा.

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'जवाबदेह बने सोशल मीडिया'
एक अन्य ट्वीट में कंचन गुप्ता ने कहा कि यह ऐसे ही हो जाने वाली गलती नहीं है. एक यूजर ने लिखा, 'सोशल मीडिया क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों को ऐसी बेवकूफियों के लिए जवाबदेह बनाया जाना चाहिए.' एक अन्य यूजर ने लिखा, 'इसका संज्ञान लेते हुए ट्विटर इंडिया के खिलाफ कदम उठाया जाए. वे भारतीय संप्रभुता का मजाक नहीं बना सकते.' एक नेटिजन ने कहा, 'ट्विटर इंडिया.. तो आपके अनुसार, लेह पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना का हिस्सा है.'

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'कार्रवाई से पैदा होगा डर'
वहीं एक अन्य ने प्रसाद से मामले में कार्रवाई का आग्रह करते हुए कहा, 'कृपया इस मामले को देखें और उचित कार्रवाई करें. यह उचित समय है कि इस बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को इसकी मूर्खता के लिए सबक सिखाया जाए.' पिछले कुछ महिनों से भारत और चीन के बीच संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं. दोनों के देशों के बीच कई स्तर की बातचीत के बाद भी हालात सुधरे नहीं हैं. अब दोनों देशों के बीच कार्प कमांडर स्तर की आठवें दौर की बातचीत होगी और इसमें मुख्य तौर पर यही बात होगी कि दोनों तरफ की सेनाएं एक साथ मई, 2020 से पहले वाली स्थिति में जाने की शुरुआत करें.