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9 मिनट के लिये लाइट बंद करने से नहीं खराब होंगे घरों के बिजली उपकरण: ऊर्जा मंत्रालय

सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील रविवार रात नौ बजे नौ मिनट पर एक साथ सभी घरों में बल्ब, ट्यूबलाइट बंद करने से ग्रिड के ठप होने को लेकर जतायी जा रही आशंका को फिर खारिज किया.

Updated on: 05 Apr 2020, 07:06 PM

नई दिल्ली:

सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अपील रविवार रात नौ बजे नौ मिनट पर एक साथ सभी घरों में बल्ब, ट्यूबलाइट बंद करने से ग्रिड के ठप होने को लेकर जतायी जा रही आशंका को फिर खारिज किया. उसने बार-बार पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) के जरिये यह बात दोहरायी है कि ग्रिड को कोई खतरा नहीं है और घरों के उपकरणों को कोई नुकसान नहीं होगा. बिजली मंत्रालय ने एफएक्यू के जरिये स्पष्ट किया है कि प्रधानमंत्री की अपील पर केवल घरेलू लाइट यानी बल्ब और ट्यूबलाइट ही रात नौ बजे नौ मिनट के बंद करनी हैं.

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सड़कों पर जलने वाली लाइट, अस्पतालों और अन्य जरूरी सेवाएं देने वाले संस्थानों में बल्ब, ट्यूबलाइट पहले की तरह जलते रहेंगे. मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि इस दौरान लोगों के बिजली के उपकरणों कोई नुकसान नहीं होगा. पंखा, एसी, फ्रीज आदि बंद करने की जरूरत नहीं है. कुछ तबकों में यह आशंका जतायी जा रही है कि इससे ग्रिड अस्थिर होगा और वोल्टेज में उतार-चढ़ाव आएगा जिससे बिजली उपकरणों को नुकसान पहुंचेगा. मंत्रालय ने एफएक्यू के जरिये कहा कि यह आशंका निराधार है. देश की ग्रिड प्रणाली मजबूत है और मांग में अंतर से निपटने के लिये सुदृढ़ व्यवस्था है.

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मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि लाइट बंद करना पूरी तरह से स्वैच्छिक है. बयान में यह स्पष्ट किया गया है कि घरों में रोशनी के लिये उपयोग होने वाले उपकरणों का कुल लोड में हिस्सेदारी 20 प्रतिशत से काफी कम है. इस प्रकार की मांग में कमी को आसानी से प्रबंधित किया जा सकता है जिसके लिये पूरी व्यवस्था है. मंत्रालय ने यह भी साफ किया है कि इससे बिजली में कोई कटौती नहीं होगी. प्रधानमंत्री ने शुक्रवार को कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान के तहत देश के नाम अपने संदेश में ‘अंधकार को चुनौती’ के रूप मे रविवार को को रात नौ बजे नौ मिनट तक बिजली बंद करने और दीया, टार्च या मोबाइल से रोशनी करने की अपील की है. इससे इस बात को लेकर चिंता जतायी गयी थी कि देश में ‘लॉकडाउन ’ के कारण बिजली की मांग पहले से कम है, ऐसे में अचानक खपत ‘गिर जाने’ होने से क्या ग्रिड स्थिर रह सकता है? या नौ मिनट बाद मांग एकदम बढने से ‘ब्लैकआउट’ (बिद्युत प्रवाह ठप होने) की स्थिति की आशंका नहीं है?