CJI चंद्रचूड़ का बड़ा बयान, लोगों के पास सब्र नहीं, झूठी खबर से सच पीड़ित
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोशल मीडिया के प्रसार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्हेांने कहा कि झूठी खबर के दौर में सच पीड़ित हो गया है.
highlights
- लोगों के पास सब्र और सहिष्णुता की कमी देखी जा रही : CJI
- झूठी खबरों के दौर में सच प्रभावित हो रहा है
- ज्यादा महिला न्यायाधीशों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की
नई दिल्ली:
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने सोशल मीडिया के प्रसार को लेकर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि झूठी खबर के दौर में सच पीड़ित हो गया है. ऐसे हालात बन चुके हैं कि कई बार जो कुछ कहा या सुना जाता है, उसकी तार्किक आधार पर कभी पुष्टि संभव नहीं है. गौरतलब है कि सीजेआई चंद्रचूड़ अमेरिकन बार एसोसिएशन इंडिया कॉन्फ्रेंस 2023′ में लॉ इन एज ऑफ ग्लोबलाइजेशन: कन्वरजेंस ऑफ इंडिया एंड वेस्ट विषय पर अपना व्याख्यान दे रहे थे. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ के अनुसार, हम ऐसे युग में हैं, जहां पर लोगों के पास सब्र और सहिष्णुता की कमी देखी जा रही है.
इसका कारण है कि वे ऐसे नजरिए को स्वीकार नहीं करना चाहते हैं जो उनके दृष्टिकोण से अलग हो. इस दौराना सीजेआई ने विभन्न मुद्दों पर चर्चा की. सीजेआई ने कोविड-19, न्यायिक पेशे के सामने आने वाले मसले और ज्यादा महिला न्यायाधीशों सहित कई मुद्दों पर चर्चा की.
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झूठी खबरों के दौर में सच प्रभावित- CJI
सीजेआई ने इस दौरान कहा कि झूठी खबरों के दौर में सच प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया के प्रसार के साथ जो कुछ बीज के रूप में बात कही जाती है, वहीं पूरे सिद्धांत को अकुरित करती है. इसका कभी तर्कसंगत तरह से विज्ञान के आधार पर परीक्षण करना संभव नहीं किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि वैश्वीकरण विरोधी भावना में बढ़ोतरी हुई है. इसकी शुरुआत 2001 के आतंकवादी हमलों से हुई है.
अंधेरे में एक अवसर के रूप में उभरी
जस्टिस चंद्रचूड़ के अनुसार, COVID-19 से अभी तक वैश्विक मंदी छाई थी, मगर यह अंधेरे में एक अवसर दिखा. उन्होंने कहा, "वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से न्याय का विकेंद्रीकरण हो सका और इसने न्याय तक लोग की पहुंच को बढ़ावा दिया."
बड़ी आबादी को टीके लगे
इस दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने भी अपना संबोधन दिया. उन्होंने कहा कि स्थानीयकरण के साथ वैश्वीकरण का बड़ा एक्सांप्ल ये है कि जब हमने करोना को झेला . उन्होंने कहा कि एक या दो देशों को छोड़ दिया जाए, तो किसी के पास अपना टीका नहीं था. भारत ने देश में टीके निर्मित किए. बड़ी आबादी को टीके लगाए गए.
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