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कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संदेश देते हुए कहा है कि भारत की संप्रुभता और अखंडता को चुनौती देने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ बैठक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साफ संदेश देते हुए कहा है कि भारत की संप्रुभता और अखंडता को चुनौती देने वाले बर्दाश्त नहीं किए जाएंगे।
खालिस्तान के मुद्दे पर कनाडा के नरम रुख को देखते हुए प्रधानमंत्री मोदी के इस संदेश को कनाडा के लिये एक संदेश के तौर पर माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने साफ तौर पर कहा है कि ऐसे लोगों के लिये कोई जगह नहीं होगी जो धर्म को राजनीतिक उद्देश्य और अलगाववाद के लिये इस्तेमाल करना चाह रहे हैं।
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, 'द्विपक्षीय मुद्दों को लेकर हमारी चर्चा हुई है और हमने आपसी सहयोग को बढ़ाने के लिये मुद्दों की पहचान की है। हमारे बीच रक्षा सहयोग को सुदृढ़ करने पर भी सहमति बनी है।'
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पीएम ने कहा कि आतंकवाद और कट्टरपंथ भारत और कनाडा जैसे लोकतांत्रिक बहुलतावादी समाज के लिए खतरा रहा है।
भारत और कनाडा के बीच शुक्रवार को कई समझौतों को लेकर बातचीत हुई बाद में रक्षा ऑपरेशन और ऊर्जा समेत 6 मुद्दों पर हस्तक्षर किए गए।
पीएम ने शिक्षा के क्षेत्र में कनाडा के महत्व पर ज़ोर देते हुए कहा, 'हाईर स्टडीज़ के लिए भारत के लगभग 1 लाख़ 20 हज़ार छात्र कनाडा पढ़ाई करने जाते हैं। हमने उच्च शिक्षा को लेकर समझौता ज्ञापन (MOU) का फिर से नवीनीकरण किया है।'
पीएम ने कहा, 'कनाडा ऊर्जा के क्षेत्र में सुपर पावर है और यह भारत में तेज़ी से बढ़ रही मांग को पूरा करने में सक्षम है।'
पीएम मोदी ने इस मौक़े पर ख़ुशी ज़ाहिर करते हुए कहा कि कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो का भारत आगमन के लिए हमने लंबे समय से इंतज़ार किया है। मुझे ख़ुशी है कि ट्रूडो अपने पूरे परिवार के साथ भारत आए हैं।
खालिस्तान को समर्थन देने को लेकर ट्रूडो को आलोचना का शिकार भी होना पड़ा है। पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने भी इस मुद्दे को कनाडा के प्रधानमंत्री के सामने उठाया था जब उन दोनों की मुलाकात हुई थी। हालांकि ट्रूडो ने अमरिंजर सिंह को भरोसा दिया था कि वो भारत या किसी दूसरी जगह अलगाववाद को समर्थ नहीं करते हैं।
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Source : News Nation Bureau