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जांच के आदेश के बाद सीपीआई-एम नेता की बढ़ी मुसीबत

जांच के आदेश के बाद सीपीआई-एम नेता की बढ़ी मुसीबत

Updated on: 10 Jul 2021, 08:00 PM

तिरुवनंतपुरम:

सीपीआई-एम के शीर्ष नेताओं के खिलाफ शानिवार को जांच की घोषणा की गई है।

कटघरे में हैं हाई प्रोफाइल और सख्त भाषी राज्य के पूर्व पीडब्ल्यूडी मंत्री जी. सुधाकरन।

पार्टी के वरिष्ठ नेताओं की दो सदस्यीय समिति के.जे. थॉमस और राज्यसभा सदस्य एलाराम करीम को शनिवार को पार्टी की राज्य समिति ने यह जांच करने के लिए नियुक्त किया था कि सुधाकरन ने विधानसभा चुनाव की देखरेख के लिए उन्हें जो जिम्मेदारी दी थी, उसे कैसे निभाया।

सुधाकरन को 6 अप्रैल को होने वाले विधानसभा चुनाव में लड़ने के लिए एक सीट नहीं दी गई थी और इसके बजाय उन्हें अपने गृह क्षेत्र अलाप्पुझा जिले के अंबालापुझा विधानसभा क्षेत्र में अभियान की कमान संभालने के लिए कहा गया था।

माकपा के कार्यवाहक राज्य सचिव ए. विजयराघवन ने सुधाकरण की भूमिका की जांच के बारे में सवालों के घेरे के बावजूद इसे ठुकराते हुए कहा कि शिकायतों से निपटने के लिए पार्टी की एक निर्धारित प्रक्रिया है।

विजयराघवन ने कहा, हमें पाला और कलपेट्टा जैसे कुछ स्थानों से शिकायतें मिली हैं, जहां हमारे दो सहयोगियों के पार्टी प्रमुखों ने चुनाव लड़ा और वे हार गए। लेकिन आप (मीडिया) ऐसे सवाल पूछने में अच्छे हैं जो अधिकतम कवरेज लाते हैं और इसलिए आप सुधाकरन से चिंतित हैं। एक समिति सभी मुद्दों को देखेगी और वापस रिपोर्ट करेगी।

यह अंबालापुझा से माकपा के विजयी उम्मीदवार एच. सलाम थे, जो सुधाकरन के खिलाफ शिकायतकर्ताओं में से एक थे और इस पर पहले अलाप्पुझा जिला माकपा समिति में चर्चा की गई और फिर यह राज्य समिति के सामने आया जो पिछले दो दिनों में यहां हुई दिन और दो सदस्यीय समिति नियुक्त करने का निर्णय लिया गया।

विजयराघवन ने उत्तर दिया, मुझे नहीं पता कि सुधाकरण राज्य समिति की बैठक में क्यों अनुपस्थित थे।

डिस्क्लेमरः यह आईएएनएस न्यूज फीड से सीधे पब्लिश हुई खबर है. इसके साथ न्यूज नेशन टीम ने किसी तरह की कोई एडिटिंग नहीं की है. ऐसे में संबंधित खबर को लेकर कोई भी जिम्मेदारी न्यूज एजेंसी की ही होगी.