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Defence Exercise ( Photo Credit : Social Media)
पिछले साल चीन के साथ झड़प और तगातार तनाव की स्थिति के कारण भारत ने भी मुहतोड़ जवाब देने का फैसला कर लिया है. भारत चालबाज चीन के झांसे में नहीं आने वाला है. भारतीय सेना ने पश्चिम बंगाल के उत्तरी भाग में त्रिशक्ति प्रहार युद्धाभ्यास किया है. यह 11 दिनों तक चला. जानकारी के मुताबिक यह युद्धाभ्यास 21 जनवरी से 31 जनवरी तक चला. इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना, थल सेना और सेंट्रल आर्मफोर्सज भी इसमें शामिल थे. इस युद्धाभ्यास में सेना ने अपने हथियारों का प्रदर्शन किया.
#WATCH | A joint training exercise 'Exercise Trishakri Prahar' was conducted in North Bengal from 21-31 Jan; aim was to practice battle preparedness of Security Forces using weapons & equipment in an integrated environment, involving all arms of the Army, Indian Air Force & CAPFs pic.twitter.com/6BrrMI3fFw
— ANI (@ANI) January 31, 2023
भारतीय सेना ने बंगाल के चिकन नेक एरिया में युद्धाभ्यास किया है. यह एरिया सामरिक लिहाज से भारत के लिए बहुत ही मत्वपूर्ण है. इस सिलिगुड़ी कॉरिडोर ही एक रास्ता है जो उत्तर पूर्व भारत बाकी के भारत से जोड़ता है. इस लिहाज से यह एरिया भारत के लिए अति आवश्यक है. चीन की सीमा इस सिलिगुडी कॉरिडोर के साथ है वही चीन ने इस एरिया में सेना और हथियार जमा करना शुरू कर दिया है. जिसकी वजह से सेना ने युद्धाभ्यास के लिए चुनाव किया. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक इस युद्भाभ्यास में लडाकू विमान, टैंक, आर्टिलरी गन, नये राइफल जैसे हथियार का इस्तेमाल किया गया. सेना आपास में समन्वय स्थापित करने के लिए ऐसे युद्धाभ्यास करती है.
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सेना ऐसे युद्धाभ्यास युद्ध के समय समन्वय स्थापित करने के लिए महत्तवपूर्ण होता है. भारत इस समय ढाई मोर्चे पर लड़ रहा है. दो तरफ चीन की सेना है तो एक ओर पाकिस्तान की सेना है. और भारत के इन दोनों पड़ोसी देशो से रिश्ते के बारे में पूरी दुनिया को मामूल है. चीन भारत को परेशान करने के लिए नये -नये तरीके ढ़ढता रहता है. वही सरकार ने इस युद्धाभ्यास के जरिए बता दिया है कि वो चीन को मुहंतोड़ जवाब देगी. भारत ने फ्रांस से खरीदे राफेल को पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एअरबेस में रखा गया है.