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त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने विधान सभा में नहीं पढ़ी पूरी स्पीच, विवाद शुरू

रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल ने जो हिस्सा नहीं पढ़ा उसमें लिखा था, 'देश में आज सांप्रदायिक स्थिति तनावपूर्ण है। अल्पसंख्यक और दलितों पर लगातार हमले हो रहे हैं और असिहष्णुता बढ़ रही है।'

रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल ने जो हिस्सा नहीं पढ़ा उसमें लिखा था, 'देश में आज सांप्रदायिक स्थिति तनावपूर्ण है। अल्पसंख्यक और दलितों पर लगातार हमले हो रहे हैं और असिहष्णुता बढ़ रही है।'

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vineet kumar
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त्रिपुरा के राज्यपाल तथागत रॉय ने विधान सभा में नहीं पढ़ी पूरी स्पीच, विवाद शुरू

त्रिपुरा विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन राज्यपाल तथागत रॉय द्वारा पूरा लिखित अभिभाषण नहीं पढ़ना विवादों में आ गया है। बजट सत्र के पहले दिन भाषण पढ़ते वक्त राज्यपाल तथागत रॉय ने कहा, 'मैंने जो पेज पढ़ लिए हैं और अब मैं पैरा 95 के बाद का हिस्सा पढूंगा।'

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इसके बाद सुदीप रॉय बर्मन के नेतृत्व वाली विपक्षी पार्टी तृणमूल कांग्रेस के सदस्यों ने गवर्नर से पूछा, आपको पूरा भाषण क्यों नहीं पढ़ रहे हैं? हम आपका विरोध नहीं कर रहे हैं। लेकिन यह परंपरा नहीं है।'

इसके बाद विपक्षी विधायक विधानसभा के वेल में आ गए और 'शेम..शेम' के नारे लगाने लगे। हालांकि इस पूरे हंगामे के दौरान सत्ताधारी लेफ्ट के नेताओं ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी जबकि इसी हंगामे के बीच दूसरी ओर गवर्नर ने अपना अभिभाषण पूरा किया और विधान सभा से बाहर आ गए।

रिपोर्ट्स के मुताबिक राज्यपाल ने जो हिस्सा नहीं पढ़ा उसमें लिखा था, देश में आज सांप्रदायिक स्थिति आज तनावपूर्ण है। अल्पसंख्यक और दलितों पर लगातार हमले हो रहे हैं और असिहष्णुता बढ़ रही है। यह शांति और एकता के लिए हानिकारक है जिसकी विकास के लिए देश को जरूरत है।

साथ ही लिखा था, केंद्र और राज्य के बीच परामर्श और सहयोग की व्यवस्था की कमी के कारण एक पार्टी के शासन का ट्रेंड भी लगातार बढ़ रहा है। देश में संधीय ढांचा खतरे में है। किसानों को अपनी फसल का सही दाम नहीं मिल रहा और इसलिए उनमें आत्महत्या की संख्या बढ़ रही है।

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राज्यपाल के लिए लिखे अभिभाषण में नोटबंदी पर भी सवाल खड़े किए गए थे। स्पीच में लिखा था, 'नोटबंदी ने वित्तीय लेन-देन को काफी प्रभावित किया है। इससे एक झटके में 85 फीसदी मुद्रा बाजार से बाहर हो गई और इसने आम लोगों को सबसे ज्यादा चोट दी है।'

सीपीआई (एम) के सचिव बिजन धार ने इस पूरे घटनाक्रम पर कोई भी प्रतिक्रिया देने से इंकार कर दिया। बिजन ने कहा कि वह विधान सभा के सदस्य नहीं है इसलिए वह इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते।

वहीं, तृणमूल कांग्रे से रॉय बर्मन ने कहा, 'जिस बात ने मुझे चौंकाया, वह सत्तारूढ़ दल के सदस्यों की चुप्पी है। वे चुप्प रहे क्योंकि माणिक सरकार की अगुवाई वाली सरकार नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को नाराज नहीं करना चाहती है क्योंकि केंद्र को इस सरकार के भ्रष्टाचार तथा चिटफंड घोटालों में उसकी संलिप्तता के बारे में अच्छी तरह पता है। राज्य सरकार के खिलाफ केंद्र सरकार की एजेंसियों द्वारा जांच का आदेश दिये जाने की संभावना है।'

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HIGHLIGHTS

  • विपक्ष ने उठाया सवाल, नरेंद्र मोदी को नाराज नहीं करने का लगाया आरोप
  • अभिभाषण में देश में असहिष्णुता बढ़ने, अल्पसंख्यकों और दलितों पर खतरे की बात
  • राज्यपाल के अभिभाषण में नोटबंदी की भी आलोचना, लेकिन गवर्नर ने नहीं पढ़ा

Source : News Nation Bureau

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