जब त्रिपुरा के राज्‍यपाल तथागत रॉय ने जीवित अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि

इस बीच त्रिपुरा के राज्‍यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर दुख जता दिया। हालांकि बाद में रॉय को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्‍होंने ट्वीट डिलीट कर माफी मांगी।

इस बीच त्रिपुरा के राज्‍यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर दुख जता दिया। हालांकि बाद में रॉय को अपनी गलती का अहसास हुआ और उन्‍होंने ट्वीट डिलीट कर माफी मांगी।

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vineet kumar1
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जब त्रिपुरा के राज्‍यपाल तथागत रॉय ने जीवित अटल बिहारी वाजपेयी को दी श्रद्धांजलि

त्रिपुरा के राज्‍यपाल तथागत रॉय

दिल्‍ली के एम्स में भर्ती पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है। वहीं एम्स की ओर से जारी मेडिकल बुलेटिन में कहा गया है कि उनकी हालत पहले की तरह ही गंभीर बनी हुई है। इस बीच त्रिपुरा के राज्‍यपाल तथागत रॉय ने ट्वीट कर पूर्व प्रधानमंत्री के निधन पर दुख जता दिया। हालांकि बाद में रॉय को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्‍होंने ट्वीट डिलीट कर माफी मांगी।

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तथागत रॉय ने अटलजी को श्रद्धांजलि देते हुए ट्वीट किया था कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री, बेहतरीन वक्‍ता और छह दशकों तक भारतीय राजनीति के चमकते सितारे रहे, डॉक्‍टर श्‍यामा प्रसाद मुखर्जी के निजी सचिव के रूप में अपनी शुरुआत करने वाले, बेहद बुद्धिमान, विनम्र अटल बिहार वाजपेयी का निधन हो गया। ओम शांति।

लोगों ने रॉय के इस ट्वीट के बाद उन्‍हें ट्रोल करना शुरू कर दिया।

जैसे ही तथागत रॉय को अपनी गलती का अहसास हुआ, उन्‍होंने ट्वीट डिलीट कर माफी मांगी।

रॉय ने दोबारा ट्वीट किया, 'मुझे माफ करें। मैंने टीवी रिपोर्ट के आधार पर ट्वीट कर दिया था। मैंने उसे असली मान लिया। अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। मैंने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया है। एक बार फिर माफ करें।'

वाजपेयी का जन्म 1924 में हुआ था। एम्स में उनका इलाज पलमोलोजिस्ट एवं एम्स के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया की देखरेख में हो रहा था। डॉ. गुलेरिया पिछले तीन दशक से वाजपेयी के निजी चिकित्सक रहे हैं।

मधुमेह के शिकार 93 वर्षीय BJP नेता का एक ही गुर्दा काम कर रह था। 2009 में उन्हें स्ट्रोक आया था, जिसके बाद उनकी सोचने-समझने की क्षमता कमजोर हो गई थी। बाद में वह डिमेंशिया से भी पीड़ित हो गए। जैसे-जैसे उनकी सेहत गिरती गई, धीरे-धीरे उन्होंने खुद को सार्वजनिक जीवन से दूर कर लिया।

वाजपेयी 3 बार प्रधानमंत्री रहे। वह पहली बार 1996 में प्रधानमंत्री बने और उनकी सरकार सिर्फ 13 दिनों तक ही रह पाई। 1998 में वह दूसरी बार प्रधानमंत्री बने, तब उनकी सरकार 13 महीनों तक चली थी। 1999 में वाजपेयी तीसरी बार प्रधानमंत्री बने और 5 सालों का कार्यकाल पूरा किया।

वह 5 साल का पूर्ण कार्यकाल पूरा करने वाले पहले गैर-कांग्रेसी प्रधानमंत्री हैं। वह बीते एक दशक से अपने खराब स्वास्थ्य की वजह से सक्रिय राजनीति से दूर हैं।

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