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विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर (फाइल फोटो)
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विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर (फाइल फोटो)
तीन तलाक को आपराधिक करार देने वाले विधेयक को गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया। इस दौरान कुछ विपक्षी पार्टियों ने विधेयक का विरोध किया और इस पेश किए जाने पर आपत्ति जताई।
वहीं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर ने लोकसभा में बहस के दौरान कहा कि 'इस्लाम खतरे में नहीं' है बल्कि कुछ कट्टर मर्दों की जबरदस्ती खतरे में है।
उन्होंने कहा, 'इस्लाम खतरे में है इसका प्रयोग आजादी से पहले भारत को बांटने के लिए किया जाता था अब इसका प्रयोग समाज को बांटने और जहर फैलाने के लिए किया जा रहा है।'
उन्होंने कहा, 'कुछ खतरे में नहीं है बल्कि कुछ लोगों की दुकानदारी खतरे में है। यदि तीन तलाक के मामले में पुरुष के जेल जाने पर महिला के भरण-पोषण की बात की जा रही है तो फिर दहेज उत्पीड़न ऐक्ट (498ए) में तो 7 साल की सजा का प्रावधान है।
यह एक साथ तीन तलाक (तलाक-ए-बिद्दत) महिलाओं को कैद में रखने का तरीका है। जिसके जरिए पुरुष कहते हैं कि मैं तुझे तलाक दे दूंगा तो कहां जाएगी, समाज में तेरी कोई प्रतिष्ठा नहीं रहेगी।'
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आपको बता दें कि अखिल भारतीय मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (एआईएमपीएलबी) समेत कई संगठनों ने 'इस्लाम खतरे में है' की बात कहते हुए तीन तलाक के पक्ष में आवाज उठाई है और सरकार के बिल का विरोध किया है।
विदेश राज्यमंत्री एम जे अकबर ने एआईएमपीएलबी पर सवाल उठाते हुए कहा, 'ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड की क्या विश्वसनीयता है? किसने उन्हें मुस्लिम समुदाय के प्रतिनिधि के रूप में चुना है।'
इन दलों ने किया विरोध
लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी), ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम), भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), बीजू जनता दल के सदस्यों और कुछ दूसरी पार्टियों ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 को पेश किए जाने का विरोध किया।
कांग्रेस बिल में कुछ संशोधनों के साथ इस बिल का समर्थन करेगी। लोकसभा में नेता कांग्रेस मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, 'हम सभी लोग इस बिल का समर्थन करते हैं, लेकिन इसमें कुछ खामियां भी हैं, जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए। इन्हें स्टैंडिंग कमिटी में ही दुरुस्त किया जा सकता है। हम एक साथ बैठ सकते हैं और समयबद्ध तरीकों से इनका निपटारा किया जा सकता है।'
जिसपर रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'मैं खड़गे जी का तीन तलाक का समर्थन करने के लिए उनका शुक्रिया अदा करता हूं। उन्हें अपने सुझाव हमें बताने चाहिए।'
सरकार क्या बोली
कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बिल पेश करते हुए ऐतिहासिक दिन बताया और कहा कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं के लिए लैंगिक न्याय सुनिश्चित करने के लिए है।
विधेयक को ध्वनि मत के बाद पेश किया गया। सत्ता पक्ष के सभी सदस्यों ने विधेयक पेश किए जाने का समर्थन किया।
मुस्लिम महिला (विवाह अधिकारों का संरक्षण) विधेयक , 2017 तीन तलाक या मौखिक तलाक को आपराधिक घोषित करता है और इसमें तलाक की इस प्रथा का इस्तेमाल करने वाले के खिलाफ अधिकतम तीन साल की जेल व जुर्माने का प्रावधान है। यह मुस्लिम महिलाओं को भरण-पोषण व बच्चे की निगरानी का अधिकार देता है।
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Source : News Nation Bureau