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राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद मोदी सरकार ने कुछ ऐसे पास कराया तीन तलाक बिल

राज्य सभा में तीन तलाक बिल मंगलवार (30 जुलाई) को पास हो गया. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा से भी पास हो गया.

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nitu pandey
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राज्यसभा में बहुमत न होने के बावजूद मोदी सरकार ने कुछ ऐसे पास कराया तीन तलाक बिल

राज्यसभा में तीन तलाक बिल पास

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राज्य सभा में तीन तलाक बिल मंगलवार (30 जुलाई) को पास हो गया. मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक लोकसभा के बाद मंगलवार को राज्यसभा से भी पास हो गया. कयास लगाए जा रहे थे कि राज्यसभा में बीजेपी की संख्याबल कम होने की वजह से बिल फंस जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.

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उच्च सदन में अल्पम होने के बावजूद मोदी सरकार ने कुछ ऐसी फील्डिंग सजाई की विपक्ष चारों खाने चित हो गया और बड़ी आसानी से तीन तलाक बिल पास हो गया. मोदी सरकार ने कैसे विपक्ष को तोड़ा ताकि बिल पास हो जाए आइए जानते हैं.

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जेडीयू के वॉक आउट करने के बाद संख्या 107 पर आ गई

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राज्यसभा में तीन सीट खाली रहने के कारण कुल संख्या 242 है. जेडीयू के विरोध करने के बाद एनडीए की राज्य सभा में संख्या 113 से घटकर 107 पर आ गई. बिल पास होने के दौरान जेडीयू और तेलंगाना राष्ट्रीय समिति (टीआरएस) वोटिंग से दूर रहने का फैसला किया. जिसकी वजह से राज्य सभा में सदस्यों की कुल संख्या 236 पर पहुंच गई. इसके साथ ही अरुण जेटली, एनसीपी सुप्रीम शरद पवार और कांग्रेस के ऑस्कर फर्नांडीज समेत 14 सांसद राज्य सभा में नहीं थे. जिसके बाद राज्यसभा की प्रभावी स्ट्रेंथ 216 हो गई.

एनडीए का समर्थन बीजेडी ने किया

अब मोदी सरकार को तीन तलाक बिल पास कराने के लिए केवल 109 सांसदों का हां चाहिए था. एनडीए का समर्थन बीजू जनता दल (बीजेडी) ने किया. जिसकी वजह से राज्यसभा में एनडीए की कुल ताकत 113 (4 सांसद BJD) हो गई.

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इन पार्टियों के सांसद राज्यसभा से रहे नदारत

वोटिंग शुरू होते ही AIADMK जिसके राज्यसभा में 11 सांसद हैं, जेडीयू के 6 सांसद, टीआरएस के 6 सांसद, बीएसपी के 4 और पीडीपी के 2 सांसद ने वॉकआउट का फैसला किया. इसके अलावा कांग्रेस, टीएमसी, एसपी के कुछ सांसद राज्य सभा से नदारत रहें. कुल मिलाकर 27 सांसद राज्य सभा में मौजूद नहीं थे. 

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सांसदों का वॉकआउट करना मोदी सरकार के पक्ष में गया

वोटिंग के दौरान बीजेपी के 78 और कांग्रेस के 48 सांसद मौजूद थे. तीन तलाक बिल पास कराने के लिए पहले एनडीए को 121 सदस्यों के समर्थन की जरूरत थी, लेकिन बड़ी संख्या में सांसदों के वॉकआउट कर जाने की वजह से बीजेपी के पक्ष में फैसला आ गया. विधेयक पास कराने के लिए जब वोटिंग हुई तो 99 वोट बिल के पक्ष में पड़े तो विपक्ष में 84 वोट. आम आदमी के तीन सांसदों ने बिल के खिलाफ वोटिंग की.

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अपर हाउस में तीन तलाक 99-84 से पास हो गया. राष्ट्रपति से मंजूरी मिलने के बाद यह कानून के तौर पर लागू हो जाएगा. बता दें कि इससे पहले विपक्ष ने बिल को सिलेक्ट कमिटी को भेजना का प्रस्ताव रखा था लेकिन यह 100-84 से गिर गया था.

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